करनाल: करनाल में एक बार फिर से खाकी के दागदार होने का मामला सामने आया है जो खाकी वर्दी की आड़ में महिला को अपना शिकार बनाया था। करनाल अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. वीके गोयल ने चिह्नित अपराध के मामले में दुष्कर्म के दोषी गुलाब सिंह को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के आदेश दिए हैं। वहीं दोषी को 20 हजार रुपए जुर्माना भरने के आदेश भी दिए हैं। जुर्माना न भरने पर दोषी को 3 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। यह जानकारी जिला न्यायवादी डॉ. पंकज सैनी ने दी।
थाना में कुक के कमरे में किया महिला से दुष्कर्म
जिला न्यायवादी डॉ. पंकज सैनी ने बताया कि महिला की शिकायत के अनुसार वह 21 फरवरी 2022 को थाना घरौंडा, करनाल में लड़ाई-झगड़े के मामले में शिकायत देने गई थी। उसने बताया कि वहां होमगार्ड का जवान गुलाब पुत्र रामभज निवासी घरौंडा से उसकी मुलाकात हुई। महिला ने उसे बताया कि वह झगड़े की शिकायत व इस झगड़े की रिकॉर्डिंग लेकर आई है। होमगार्ड के जवान ने महिला को कहा कि कमरे में बैठकर मुझे यह रिकॉर्डिंग सुनाना। महिला ने बताया कि उसने होमगार्ड की बातों पर विश्वास कर लिया और यह होमगार्ड उसे थाना के पीछे बने एक कमरे में ले गया। वहां ले जाकर होमगार्ड गुलाब ने जबरन उससे दुष्कर्म किया। जांच में मालूम हुआ कि यह कमरा थाना के मैस में कार्य करने वाले कुक का था।
थाना में लगे कैमरों व सबूतों के आधार पर पुलिस ने किया था मामला दर्ज । जिला न्यायवादी डॉ. पंकज सैनी ने बताया कि महिला ने होमगार्ड के जवान गुलाब के खिलाफ थाना घरौंडा, करनाल में दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने थाना में लगे कैमरों की सीसीटी फुटेज व कमरे में मिले सबूतों के आधार पर होमगार्ड के खिलाफ 21 फरवरी 2022 को थाना घरौंडा, करनाल में दुष्कर्म का मामला दर्ज कर लिया।
दोषी करार देकर सुनाई 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा
जिला न्यायवादी डॉ. पंकज सैनी ने बताया कि महिला से दुष्कर्म का मामला कोर्ट में 2 वर्ष से विचाराधीन चल रहा था। इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से उप-जिला न्यायवादी अमन कौशिक व सहायक जिला न्यायवादी हीना रानी मामले की पैरवी कर रहे थे। अदालत में अभियोजन पक्ष ने सबूतों व गवाहों को मजबूती से पेश किया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. वीके गोयल ने चिह्नित अपराध के मामले में दुष्कर्म के आरोपी गुलाब सिंह को दोषी करार देते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा के आदेश पारित किए हैं। वहीं साथ ही दोषी को 20 हजार रूपए जुर्माना भरने के आदेश भी दिए हैं। जुर्माना न भरने पर दोषी को 3 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
चिहिन्त अपराधों में दोषियों को सजा दिलाना प्राथमिकता
सरकार के आदेशों के मुताबिक चिहिन्त अपराधों में दोषी को कड़ी सजा दिलाने के लिए हमारे पूरे प्रयास रहते हैं। सभी सरकारी अधिकारी ईमानदारी व सच्ची लगन से केस की पैरवी करते हैं। इसके साथ ही सूबतो ओर गवाहों को मजबूती से पेश किया जाता है, ताकि इन अपराधों से जुड़े दोषियों को सजा मिल सकें। उच्च अधिकारियों की गंभीरता भी इन चिहिन्त अपराधों के केसो में बनी रहती है और समय-समय पर इन मामलों में जानकारी लेते रहते हैं। इससे पहले भी ऐसे मामलों में दोषियों को कड़ी सजा मिली है। दोषियों को सजा मिलने से समाज में संदेश जाता है कि अपराधी गतिविधियों में संलिप्त होने से दोषी बच नहीं सकता। इसलिए अदालत ओर सजा का डर अपराध को कम करने में मददगार साबित होता है।