Karnal news नागरिक भागीदारी को बढ़ावा, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा तथा स्वच्छता में सुधार लाना स्वच्छ सर्वेक्षण का उद्देश्य

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करनाल: करनाल शहर को स्वच्छ बनाने के लिए प्रशासन लगातार काम कर रहा है लेकिन पिछले समय में आए स्वच्छ शहरो  के आंकड़ों में करनाल स्वच्छता में पहले से पिछड़ गया है जिसको चलते अब प्रशासन स्वच्छता को लेकर लगातार काम कर रहा है ।शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय के निर्देश पर स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के लिए शहरी स्थानीय निकाय के संवेदीकरण को लेकर नगर निगम करनाल की ओर से शुक्रवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम होटल प्रेम प्लाजा में आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के लिए शहरी स्थानीय निकायों की समझ और भागीदारी को बढ़ाने के लिए किया गया है। कार्यक्रम में करनाल कलस्टर (करनाल, कुरूक्षेत्र व कैथल) की 18 यू.एल.बी. के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम जीरो वेस्ट ईवेंट पर आधारित रहा। नगर निगम आयुक्त नीरज कादियान ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।
 उन्होंने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण दुनिया का सबसे बड़ा सर्वेक्षण बन गया है, जिसमें 2024 में देश की 4800 से अधिक यूएलबी भाग ले रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहे स्वच्छ सर्वेक्षण और स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के लिए अत्कृष्टïता प्राप्त करने में सहायक होगा। यह एक बहुत ही प्रतिष्ठिïत सर्वेक्षण है, जो हमारे शहरों के लिए एक स्वच्छ, स्वस्थ और अधिक टिकाऊ भविष्य के प्रति हमारी प्रतिबद्घता को दर्शाता है।
 उन्होंने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण, स्वच्छ भारत मिशन के तहत भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है। इसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना, शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देना तथा शहरी क्षेत्रों की सफाई और स्वच्छता में मापनीय सुधार लाना है। उन्होंने कहा कि आवास और शहरी मामले मंत्रालय ने इस सर्वेक्षण के लिए आर.आर.आर. (रिड्यूज, रीयूज, रिसाइकल) थीम को चुना है। उन्होंने कहा कि आगामी 2 अक्तूबर को हम इस महान स्वच्छता आंदोलन की 10वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं, जो स्वच्छ भारत मिशन के रूप में बहुत लोकप्रिय हो गया है।
 उन्होंने उपस्थित सभी को समर्पण, टीमवर्क और अभिनव कदमों के साथ काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि आज का प्रशिक्षण कार्यक्रम हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की बातों को सभी ध्यान से सुनें और ज्ञान को आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि नगर निगम करनाल भी स्वच्छ सर्वेक्षण में टॉप में आने के लक्ष्य को लेकर काम कर रहा है। उन्होंने कार्यक्रम में आए नगर परिषद व पालिकाओं से सम्बंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते कहा कि सभी स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में अच्छी रैंकिंग हासिल करें।
 कार्यक्रम में शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय की ओर से स्वच्छ भारत मिशन के लिए हायर की गई परियोजना प्रबंधन सलाहकार (पी.एम.सी.) टीम के विशेषज्ञों ने प्रैजेन्टेशन के माध्यम से प्रशिक्षण दिया। उन्होंने स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के प्रत्येक घटक की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस घटक में क्या-क्या कार्य करके हम अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए कुल 9500 अंक निर्धारित किए गए हैं। इसमें सेवा स्तर प्रगति को अधिक महत्व दिया गया है, जिसके लिए 5705 अंक रखे गए हैं। प्रमाणन के लिए 2500 अंक तथा जन अंदोलन के लिए 1295 अंक रखे गए हैं। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन की गाईडलाईन की जानकारी भी दी गई। उन्होंने सेवा स्तर प्रगति के तहत डोर टू डोर कूड़ा एकत्रीकरण, स्त्रोत पृथ्थकरण, सूखे व गीले कचरे का प्रसंस्करण, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट, स्वच्छ हरियाणा एप व स्वच्छ सिटी एप पर आई शिकायतों का समय पर निवारण, एकल प्रयोग प्लास्टिक पूर्णत: बैन, सामुदायिक व जन शौचालयों का उचित रख-रखाव, आर.आर.आर. केन्द्र, आत्मनिर्भर वार्ड, जीरो वेस्ट ईवेंट, एम.आर.एफ. सेंटर, सी एंड डी वेस्ट प्रबंधन, आर.डी.एफ., इन्अर्ट, सेनीटरी लैंडफिल, लिचेट ट्रीटमेंट टैंक, कम्पोस्टिंग, पिट कम्पोस्टिंग, स्वच्छता, प्रयुक्त जल प्रबंधन तथा सफाई मित्र सुरक्षा जैसे विभिन्न घटकों की विस्तार से जानकारी दी। प्रमाणन में जी.एफ.सी. (गारबेज फ्री सिटी) स्टार रेटिंग, ओडीएफ, ओडीएफ-प्लस, ओडीएफ-प्लस प्लस व वाटर प्लस तथा जन आंदोलन में सफाई अपनाओ-बीमारी भगाओ व स्वच्छता ही सेवा जैसे अभियान को जोर-शोर से चलाया जाए। अधिक से अधिक सूचना, शिक्षा और संचार गतिविधियों की जाएं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक यूएलबी स्वच्छ सर्वेक्षण की हर गतिविधि को स्वच्छतम पोर्टल पर अपलोड अवश्य करें, तभी उसके अंक मिलेंगे। टीम के एक एक्सपर्ट ने ठोस अपशिष्टï प्रबंधन निगरानी पोर्टल की भी जानकारी दी।
 अतिरिक्त निगम आयुक्त धीरज कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में यूएलबी से आए अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम जीरो वेस्ट ईवेंट पर आधारित कर किया गया है। एकल प्रयोग प्लास्टिक का प्रयोग नहीं किया गया। पीने का पानी कांच की बोतल में दिया गया। स्मृति चिन्ह के तौर पर जूट के बैग, डिस्पोजेबल कैरिबैग व पोलीथिन तथा एक-एक कांच की पानी की बोतल दी गई। कार्यक्रम में अल्ट्रिस्ट टेक्नोलॉजी प्राईवेट लिमिटेड, जो सी.एस.आर. के अंतर्गत आई हेट पोलीथिन अभियान चल रही है। कम्पनी के प्रतिनिधि रविश चौधरी ने सभी यूएलबी अधिकारियों व कर्मचारियों को हानिकारक पोलीथिन के विकल्प के तौर पर जूट बैग, कैरीबैग तथा कम्पोस्टेबल बैग वितरित किए।
 कार्यक्रम में नगर निगम के उप निगम आयुक्त अशोक कुमार, कार्यकारी अभियंता प्रिंयका सैनी, डीयूएलबी से उप मंडल अभियंता रविन्द्र मलिक, एसबीएम  के स्टेट टीम लीडर पंकज डारगर, पीएमसी टीम से क्षमता निर्माण विशेषज्ञ सुमाती भास्कर, प्रयुक्त जल प्रबंधन विशेषज्ञ राजेश मलिक, आई.टी. विशेषज्ञ यश के अतिरिक्त कुरूक्षेत्र व कैथल नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी, नगर पालिका सचिव तथा सम्बंधित अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।