कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में नर्सों की हड़ताल, सेवाएं प्रभावित

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Nurses strike in Kalpana Chawla Medical College
Nurses strike in Kalpana Chawla Medical College

इशिका ठाकुर, Karnal News: हरियाणा के जिले करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्सों ने हड़ताल कर प्रदर्शन किया। साथ ही चेतावनी दी कि वो अपने काम को छोड़कर दूसरे कोई काम नहीं करेंगे। जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा। तब तक वो हड़ताल पर रहेंगे।

स्टाफ नर्सों ने गिनाईं समस्याएं

Nurses strike in Kalpana Chawla Medical College
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स्टाफ नर्स सुदेश ने बताया कि रोहतक और अन्य मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर व स्टाफ नर्स का काम अलग-अलग होता है। सब अपना-अपना काम करते हैं। यहां पर हम राजकीय अस्पताल से आए थे। राजकीय अस्पताल में उनके पास एक डॉक्टर होता था, वो आधा समय ओपीडी करता था और आधा समय ऑपरेशन में लगाता था। बाकी समय में उसने वार्ड में एडमिट मरीजों को चेक करना है। यहां पर कोई एचओडी है।

दो-तीन एपी हैं, दो-तीन एसोसिएट हैं। वार्डों में दो से चार डीएबी जूनियर व सीनियर हैं। जेआर हैं। जब शुरूआत हुई थी तो हमें सहयोग के लिए बोला गया था। जो हमारा काम नहीं था तो हमने उनको भी काम किया। बीपी लेना, सेंपल लेना हमारा काम नहीं है। हमारा काम तो पूरा नहीं हो पाता। दूसरों का काम हमारे ऊपर डाला जा रहा है।

नई भर्ती और प्रोमोशन की मांग

स्टाफ नर्स उषा ने बताया कि हम चाहते हैं। हमारा 1200 रुपये अनाउंस है। प्रोमोशन अभी बाकी है, जो नहीं की जा रही। 500 बैड को चला रहे हैं। आज तक नई भर्ती नहीं हुई। यदि 29 स्टाफ को मांगा जाता है तो 20 ही आती हैं। एलटी की कमी, फार्मासिस्ट, जीआर की कमी को स्टाफ नर्स ही पूरी करती हैं। हम मेटली और फिजीकली परेशान हैं। नौकरी छोड़ने का मन बना रहता है। इसीलिए सभी ने मिलकर वर्क सस्पेंड किया है। हमारी मांगों को लेकर डायरेक्टर से मिलें हैं। मांगे पूरी नहीं की गई तो हड़ताल पर रहेंगे।

वादे पर खरा नहीं उतर रही सरकार

सरोज ने बताया कि स्टाफ की कमी है। दो महीने होने को आए हैं। अभी तक कोई व्यवस्था नहीं हुई है। 8 साल होने के बाद भी अनाउंस नहीं मिल रहा है। पांच बैच आ चुके हैं। इसके बावजूद भी हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है। हम हर कैटेगरी की कमी को पूरा कर रही हैं। नीरज शर्मा ने बताया कि हर काम के लिए सैंपल लेना नहीं है। हाइरी इंजेक्शन लेना नहीं है। शुरुआत में स्टाफ आने तक हमें कॉपरेट करने को कहा गया था। अब स्टाफ आने के बाद भी वो काम हमसे ही करवाया जा रहा है। हमारी मांगे पूरी हों। वेक्सीनेशन में स्टाफ नर्स को लगाया जाता है।

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