इशिका ठाकुर, Karnal News:
करनाल स्थित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान पूरे विश्व में अलग मुकाम हासिल कर चुका है। राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान पिछले लगातार 99 सालों से डेयरी क्षेत्र और दूध उत्पादन क्षेत्र में महत्वपूर्ण अनुसंधान करते हुए अहम भूमिका निभा रहा है। करनाल राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान की स्थापना वर्ष 1923 जुलाई में की गई थी।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर होंगे मुख्य अतिथि
इस उपलक्ष्य में संस्थान 100वां वर्ष मनाने जा रहा है। इसकी शुरुआत एक जुलाई से होगी। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर शिरकत करेंगे। संस्थान के संयुक्त निदेशक डॉक्टर धीर सिंह ने बताया कि संस्थान ने पूरे विश्व में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। करनाल का राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान दुधारू पशुओं की नस्ल सुधारने के लिए लगातार अनुसंधान कर रहा है इस कड़ी में संस्थान पिछले 99 सालों के लंबे समय में 120 डेयरी तकनीक विकसित कर चुका है और 2009 में संस्थान द्वारा दुधारू भैंस का क्लोन भी तैयार किया किया गया था इसके बाद क्लोन की संख्या 20 से अधिक पहुंच चुकी है।
दूध उत्पादन पर हो रहे लगातार शोध
इसके साथ संस्थान की ओर से दूध उत्पादन पर भी अनुसंधान लगातार किए जा रहे हैं, जिससे कि किसानों की इनकम अधिक हो सके। संयुक्त निदेशक धीर सिंह ने बताया कि संस्थान की ओर से शुद्ध सुगंधित दूध भी तैयार किया गया है इसके साथ विश्व स्तर पर देसी घी का भी उत्पादन संस्थान द्वारा किया जा रहा है। इन सबके बीच खास बात यह है कि अनुसंधान संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके छात्र-छात्राएं देश और विदेश के अलग-अलग संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। डॉ धीर सिंह ने कहा कि संस्थान द्वारा अपनी उपलब्धियों को दशार्ने के लिए संस्थान में उपलब्धि स्तंभ का भी निर्माण करवाया जा रहा है। जिसका उद्घाटन 1 जुलाई को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर करेंगे।
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