करनाल: करनाल में पिछले काफी समय से बंदरों के कारण कई हादसे हुए हैं जिसके चलते स्थानीय लोगों के द्वारा जिला प्रशासन को इसकी शिकायत दी जाती थी लेकिन अब जिला प्रशासन के द्वारा इस संज्ञान लिया गया है नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बने बंदरों को पकडऩे का काम शुरू हो गया है। इसके लिए शुक्रवार को बंदर पकडऩे में माहिर व्यक्तियों की टीम ने शहर के प्रेम नगर व राम नगर में दो पिंजरे लगा दिए हैं। शुक्रवार को यह जानकारी नगर निगम आयुक्त अभिषेक मीणा ने दी। उन्होंने बताया कि शहर के नागरिकों को बंदरों से निजात दिलाने के लिए नगर निगम गम्भीरता से कार्य कर रहा है। बंदरों को पकडऩे के कार्य की अवधि एक वर्ष की रहेगी। उन्होंने बताया कि उपरोक्त क्षेत्रों से बंदर पकडऩे के पश्चात पुराना शहर व सेक्टर क्षेत्र में पिंजरे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर किसी क्षेत्र में बंदर ज्यादा तादाद में हैं, तो वह एजेंसी के सम्पर्क नम्बर 9690402290 तथा नगर निगम के टोल फ्री नम्बर 18001802700 पर सूचना दे सकते हैं।
बंदरों व सुअरों को पकडऩे के यह रहेंगे नियम व शर्तें
निगमायुक्त ने जानकारी देते बताया कि बंदरों को पकडऩे के लिए नगर निगम द्वारा नियम व शर्तें निर्धारित की गई हैं। उन्होंने बताया कि बंदरों को एनिमल बोर्ड ऑफ इंडिया के मानदंडों के अनुसार ही पकड़ा जाएगा। पकड़े गए सभी बंदरों को कलेसर के जंगल में छोडऩा होगा। सम्बंधित एजेंसी को प्रीवेंशन ऑफ क्रूएल्टी ऑफ एनीमल एक्ट-1960 व वन्य प्राणी अधिनियम -1972 की धारा-12 (बीबी) तथा ए.डब्ल्यू.बी.आई. के आदेशों की पालना करना अनिवार्य होगा। इन्हें पकड़ते समय किसी भी प्रकार की क्रूरता व निर्दयता नहीं बरती जाएगी तथा पिंजरा व अन्य सभी उपकरण सम्बंधित एजेंसी के होंगे। उनके पिंजरे में खाने की चीजें जैसे चना, गुड, मूंगफली, फल व अन्य खाद्य पदार्थ एजेंसी को ही उपलब्ध करवाने होंगे।
बंदरों को वन में छोडऩे के लिए गाड़ी/ट्रैक्टर-ट्राली, ड्राईवर व डीजल इत्यादि संसाधन भी सम्बंधित एजेंसी के ही होंगे। इस कार्य के लिए लगाए गए कर्मचारी प्रशिक्षित होने चाहिएं। निगमायुक्त ने बताया कि पकड़े गए सभी बंदरों को पशु चिकित्सक अस्पताल से मेडिकल करवाना अनिवार्य रहेगा। इन्हें पकडऩे के लिए किसी भी नशीली वस्तु व दवा का प्रयोग करने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा और न ही भोजन में ऐसा कोई पदार्थ दिया जाएगा। एजेंसी अपने अधीन कर्मचारियों को सेफ्टी किट व फस्र्ट एड किट उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करेगी। पकड़े गए बंदरों को एजेंसी साफ-सुथरे स्थल पर रखेगी।
बता दें कि एजेंसी को ठेके के नियम व शर्तों के अनुरूप ही कार्य करना होगा। एजेंसी को निगम की मांग अनुसार कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ानी होगी। बंदरों को पकडऩे का कार्य संतोषजनक न पाए जाने पर एजेंसी का ठेका रद्द करने का पूर्ण अधिकार नगर निगम आयुक्त का रहेगा। इसके अतिरिक्त नियम व शर्तों में किसी भी प्रकार का संशोधन करने का अधिकार भी निगमायुक्त का ही होगा।