नगराधीश मयंक भारद्वाज की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक

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Meeting Held under the Chairmanship of Mayank Bhardwaj
Meeting Held under the Chairmanship of Mayank Bhardwaj
  • मानसिक दिव्यांगों को मिले कानूनी संरक्षक
  • 5 बिंदुओं में से 3 को मिली स्वीकृति, 2 बिंदु अस्वीकृत
प्रवीण वालिया, Karnal News:
नेशनल ट्रस्ट 1999 के तहत जिला स्तर पर गठित लोकल लेवल कमेटी की बैठक सोमवार को लघु सचिवालय के सभागार में नगराधीश मयंक भारद्वाज की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में जिला समाज कल्याण अधिकारी एवं सदस्य सचिव सत्यवान ढिलौड़ ने मीटिंग एजेंडा के 5 बिंदुओं पर नगराधीश के समक्ष चर्चा की जिनमें से 3 को स्वीकृति प्रदान कर दी गई तथा 2 बिंदुओं से संबंधित प्रार्थियों के आवेदन पत्र अस्वीकृत कर दिए गए।

सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ 

बैठक में जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि मानसिक तौर पर दिव्यांग बच्चों के रहन-सहन, खान-पान, स्वास्थ्य देखभाल, चल व अचल संपत्ति की देखरेख तथा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कानूनी संरक्षक नियुक्त करने के लिए 5 बच्चों के अभिभावकों के आवेदन पत्र स्वीकार हुए हैं।

प्रार्थी को कानूनी संरक्षक नियुक्त 

इनमें 50 प्रतिशत मानसिक रूप से दिव्यांग कुमारी दीक्षा के पिता सत्यभूषण लीखा ने कानूनी संरक्षक नियुक्त करने के लिए आवेदन किया है। इस आवेदन पत्र के प्रार्थी को कानूनी संरक्षक नियुक्त करने पर नगराधीश ने अपनी स्वीकृति प्रदान की। इसी प्रकार कुमारी सुरभि जोकि 90 प्रतिशत मानसिक दिव्यांग है, के छोटे भाई हर्ष गोयल ने आवेदन किया है। उनके कानूनी संरक्षक हेतु आवेदन को अस्वीकृत कर दिया गया है।

दिव्यांगों को ही कानूनी संरक्षकता प्रदान 

उन्होंने बताया कि तरूण जोकि 50 प्रतिशत मानसिक दिव्यांग है, तरूण के कानूनी संरक्षण के लिए उनके पिता श्याम लाल ने आवेदन पत्र दिया है, इसको भी स्वीकृति प्रदान की गई। इसी प्रकार माधव जोकि 90 प्रतिशत मानसिक दिव्यांग है, के पिता नरेन्द्र चावला ने कानूनी संरक्षक के लिए आवेदन किया, उनको भी स्वीकृति दे दी गई है। उन्होंने बताया कि अरूण पाल जोकि 100 प्रतिशत लोकोमोटर दिव्यांग है, परंतु लोकल लेवल कमेटी के तहत केवल 4 कैटेगरी ऑटिज्म, सेरेब्रल पॉल्सी, मेंटल रिटारडेशन एवं मल्टीपल डायबिटिज के दिव्यांगों को ही कानूनी संरक्षकता प्रदान की जा सकती है। यह प्रार्थी इस योजना के तहत कवर नहीं होता है, इसलिए उसके आवेदन पत्र को अस्वीकार कर दिया गया।

बैठक में उपस्थित

बैठक में उप सिविल सर्जन डा. कुलबीर, एडवोकेट जगमाल सिंह, बिजली निगम के एसडीओ कुलदीप सिंह, एनजीओ की सदस्य एवं तपन पुनर्वास सोसाइटी की परियोजना निदेशक डा. सुजाता सहित दिव्यांग बच्चे व उनके अभिभावक उपस्थित रहे।

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