प्रवीण वालिया, करनाल: हरियाणा पंंजाबी साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह धमीजा ने कहा है कि सिख इतिहास में अमर शहीद बाबा बंदा सिंह बहादुर साहिब जैसा वीर और मानवता के साथ समानता का पक्षधर यौद्धा आज तक पैदा नहीं हुआ हैं। जिन्होंने सिक्ख इतिहास में पहला सिख साम्राज्य स्थापित किया। अपने राज्य की राजधानी लोहगढ़ को बनाया।
बाबा बंदा सिंह बहादुर जी के शहीदी दिवस
सिख धर्म के दशम गुरु गुरु गोविंद सिंह ने बाबा बंदा बहादुर जी की बहादुरी तथा समर्पण देख कर दुश्मनों पर फतह करने के लिए व सिख राज्य की स्थापना के लिए भेजा था। उन्होंने कभी मजलूमों पर अत्याचार नहीं किया। वह सैक्टर 32 में बाबा बंदा सिंह बहादुर साहिब की याद में बनने वाले गुरुद्वारे की जमीन पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम बाबा बंदा सिंह बहादुर जी के शहीदी दिवस पर आयोजित किया गया था।
अमर शहीद बाबा बंदा सिंह बहादुर के शहीदी दिवस पर लगाई छबील
उन्होंने कहा कि सरकार ने समाज को गुरुद्वारे के लिए जमीन दी है। उन्होंने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादुर साहिब जुल्म करने वालों के आगे नहीं झुके। उन्होंने मानवता और धर्म की रक्षा के लिए शहादत दी। यहां उल्लेखनीय है कि हरियाण सरकार द्वारा बाबा बंदा सिंह बहादुर द्वारा स्थापित किले को इंटरनैशनल मानचित्र पर स्थापित करने के लिए ऐतिहासिक काम किया हैं। इसके लिए अथक मेहनत डिप्टी चेयरमैन गुरविंदर सिंह ने की है। आज अमर शहीद बाबा बंदा सिंह बहादुर के शहीदी दिवस पर मीठे पानी की छबील लगाई गई। चने छोले का प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर समाज के बहुत से लोगों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। पहले गुरु की अरदास की गई।
इस अवसर पर मौजूद थे
इस अवसर पर हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी के डिप्टी चेयरमैन गुरविंदर सिंह, बाबा बंदा सिंह बहादुर सिख समुदाय के प्रधान राजेंद्र खुराना, रविंंदर सिंह धमीजा, प्यारा सिंह खुराना, गोल्डी खुराना, हरंवश लाल चानना, राजेश खुराना, रमेश परुथी, वेद ढींंगरा, व राजू खुराना मौजूद थे।