इशिका ठाकुर, Karnal News: भट्ठा मजदूरों ने जिला सचिवालय पहुंच कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। भट्ठा मजदूरों की मांग है कि उनका मेहनताना पांच सौ से बढ़ाकर सात सौ रुपये कर दीया जाए।
महंगाई ने आमजन का बिगाड़ा बजट
बढ़ रही महंगाई ने सभी आमजन का बजट बिगाड़ कर रख दिया है। मेहनतकश लोगों के लिए एक वक्त की रोटी जुटा पाना भी मुश्किल हो रहा है। जहां एक और भट्ठा मजदूरों को शारीरिक परिश्रम करना पड़ता है तो वहीं दूसरी ओर बढ़ती महंगाई के कारण अपने परिवार का पेट भरने के लिए भी हाथ फैलाने पड़ रहे हैं।
भट्ठा मजदूरों को अपने बच्चों के लिए पोषित आहार देना तो उन्हें एक मजाक के समान लगता है।
परिवार के भरण-पोषण की वजह से सचिवालय पहुंचे और प्रदर्शन किया
अपने तथा अपने परिवार के भरण-पोषण की समस्या से परेशान करनाल भट्ठा मजदूर बड़ी संख्या में जिला सचिवालय पहुंचे और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। भट्ठा मजदूरों के साथ उनकी महिलाएं तथा छोटे-छोटे बच्चे भी आसमान से बरसती गर्मी में करनाल लघु सचिवालय अपनी मांगों को लेकर पहुंचे।
इतनी महंगाई में गुजारा करना मुश्किल
भट्ठा मजदूरों का कहना है कि घर की हर जरूरत के सामान की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है ऐसे में उनका गुजर-बसर करना मुश्किल हो रहा है। भट्ठा मजदूर दिन रात मेहनत कर ईट बनाने का काम करते हैं। जिसमें इनके परिवार के सभी लोग एक साथ मेहनत करते हैं। लेकिन इतनी महंगाई के चलते इन्हें केवल पाँच सो रुपए दिहाड़ी मिलती है।
बढ़ती महंगाई के कारण रोजाना मिलने वाली मजदूरी भी कम पड़ती है
लगातार बढ़ रही महंगाई के दौर में इन्हें रोजाना मिलने वाली मेहनत मजदूरी बहुत कम है। इस मजदूरी से इनके परिवार का पालन पोषण कर पाना मुश्किल हो रहा है। भट्ठा मजदूरों का कहना है कि इनकी प्रतिदिन मिलने वाली दिहाड़ी मजदूरी पांच शो रुपए से बढ़ाकर सात सो रुपए कर दी जाए ताकि यह अपने परिवार का भरण पालन कर सकें।