करनाल: करनाल दि सहकारी चीनी मिल करनाल ने एक बड़ी ख्याति प्राप्त की है जिसके चलते उसके चर्चा हरियाणा में ही नहीं पूरे देश भर में कृषि क्षेत्र व उद्दोग क्षेत्र में की जा रही है देशभर में अपनी दक्षता के झंडे गाड़ दिए हैं। देश की 260 चीनी मिलों में करनाल की सहकारी चीनी मिल को तकनीकी दक्षता की श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार मिला है। मिल ने पहली बार बिना कर्ज लेकर और फायदे में रहकर किसानों को सबसे कम समय में गन्ने का भुगतान किया है।
पुरस्कार मिलने पर शुगर मिल के प्रांगण में वीरवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सरकार और किसान एक ही मंच पर नजर आए और एक साथ मिलकर शुगर मिल को आगे बढ़ाने की बात की।
कायर्क्रम स्थल पर सरकार की ओर से बोलते हुए विधायक हरविंदर कल्याण ने बताया कि नेशनल कोआपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज फेडरेशन एनएफसीएसएफ द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए कुल 21 पुरस्कारों की घोषणा की गई है। उन्होंने बताया कि इस पुरस्कार से उन सहकारी चीनी मिलों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने गन्ना उत्पादकता, तकनीकी गुणवत्ता, वित्तीय प्रबंधन, अधिकतम गन्ना पेराई, सर्वोत्तम चीनी रिकवरी, उच्चतम चीनी निर्यात जैसे विभिन्न क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन किया हो।
विधायक हरविंदर कल्याण ने कहा कि हर साल देश की सहकारी चीनी मिलों का मूल्यांकन करने के बाद इन पुरस्कारों की घोषणा की जाती है। इस वर्ष का विशेष पुुरस्कार वितरण समारोह 10 अगस्त को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा जिसमें केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह करनाल शुगर मिल को तकनीकी दक्षता में अव्वल आने पर पुरस्कार प्रदान करेंगे।
उन्होंने कहा कि करनाल शुगर मिल किसानों और प्रशासन के बीच तालमेल का उत्तम उदाहरण है। किसानों के सहयोग से यह मिल आज एक उच्च तकनीकी क्षमता के साथ निरंतर नए आयाम स्थापित कर रही है। सरकार के सहयोग से 665 करोड़ में मिल का नवीनीकरण किया गया है और आज इसकी क्षमता बढ़कर 3500 टीसीडी हो गई है। पूरी
तरह आधुनिक इस चीनी मिल में वर्तमान में सल्फर फ्री चीनी का उत्पादन हो रहा है और गन्ने का वेस्ट बेचकर मुनाफा कमा रही है। उन्होंने यहां मिल परिसर में एथेनॉल और सोलर प्लांट लगाने के लिए सरकार से बात करने का भरोसा भी जताया।
चीनी मिल के प्रबंध निदेशक हितेंद्र शर्मा ने किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि चीनी मिल में साढ़े 68 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ जिससे हमे 23 करोड़ का अतिरिक्त लाभ मिला। मिल में गन्ने की आधुनिक किस्मों पर शोध के लिए टिशू कल्चर लैब भी स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि हर चौथे दिन किसानों का भुगतान हो रहा है जोकि अपने ही संसाधनों से किया जा रहा है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि इस सहकारी शुगर मिल के साथ किसानों का जीवन और पूरा रोजगार जुड़ा हुआ है। तकनीकी दक्षता में यह शुगर मिल पूरे देश में प्रथम आई है इसके अलावा मिल ने मुनाफा कमाया है जो किसानों के लिए हर्ष की बात है। मिल के मुनाफे में आने से सभी को लाभ होगा।
भारतीय किसान यूनियन के नेता रतनमान ने इस अवसर पर मिल प्रशासन और किसानों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस मिल में किसानों का भुगतान समय पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि करनाल सहकारी शुगर मिल की इतनी बड़ी उपलब्धि मिलने के बाद किसानों में खुशी का माहौल है और आने वाले समय में किसानों को इससे फायदा होगा।
इस मौके पर डायरेक्टर प्रकाश नरवाल, संजय कांबोज, गुरमेल सिंह, पवन कल्याण, जोगिंद्र सिंह, रोशनी व सुदेश तथा मिल के चीफ इंजीनियर भजन लाल, केन मैनेजर रोहताश लाठर, डिप्टी सीएओ अनिल वर्मा सहित काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।