(Karnal News) खरखौदा। शहीद दलबीर सिंह राजकीय महाविद्यालय पिपली में रक्षा अध्ययन विभाग द्वारा भारतीय वायु सेना का 93 वां स्थापना दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्या डॉ तराना नेगी द्वारा की गई। भारतीय वायु सेना का गठन आधिकारिक तौर पर 8 अक्टूबर 1932 को हुआ था। भारतीय वायुसेना ने प्रथम बार 1 अप्रैल 1933 को उड़ान भरी थी। द्वितीय विश्व युद्ध में बेहतर प्रदर्शन और वीरता को देखते हुए भारतीय वायु सेवा को रॉयल की उपाधि मिली। 1 जनवरी 1950 में रॉयल शब्द हटाकर इंडियन एयर फोर्स कर दिया गया।
भारतीय वायु सेना का आदर्श वाक्य है ‘नभम स्पर्श्म दीप्तम’ है जिसका शाब्दिक अर्थ ‘गौरव के साथ आकाश को छूना है’। अमेरिका, रूस व चीन के बाद भारतीय वायु सेना विश्व की चौथी बड़ी वायु सेना है। छात्रा कोमल व छात्र साहिल ने वायु सेना की संगठनात्मक संरचना व कार्य प्रणाली को विस्तारपूर्वक बताई व छात्रा तनु ने कविता के माध्यम से वायु सेना की शक्ति पर प्रकाश डाला। वायु सेना का प्रमुख कार्य आकाशीय क्षेत्र की सुरक्षा के साथ-साथ पैदल सेना व जल सेना को भी आवश्यकतानुसार सहयोग देना है।
वायु सेना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए छात्र व छात्राओं को देश की सेनाओं में बढ़-चढ़कर भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया
डॉ विनोद मलिक ने वायु सेना के गौरवशाली इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए 1947-48 वह 1965-71 एवं 1999 कार्गिल युद्ध में भारतीय वायु सेना ने थल सेना, जल सेना के साथ एकजुट होकर लड़ाई लड़ी और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया। प्राचार्या ने वायु सेना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए छात्र व छात्राओं को देश की सेनाओं में बढ़-चढ़कर भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। किरण सरोहा, दिनेश कुमार ने भी वायु सेना के ऐतिहासिक व सामाजिक पहलुओं पर प्रकाश डालकर छात्रों को प्रोत्साहित किया। डॉ योगेश बाजवान ने बताया कि भारतीय वायुसेना में 2296 एयरक्राफ्ट हैं और 606 लड़ाकू विमान है।
भारत ने 5.5 वी पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमानों को विकसित कर रहा है। यह भारत का पहला स्टील्थ फाइटर होगा। जिससे भारतीय वायु सेना की ताकत बढ़ जाएगी। जो कि चीन व पाकिस्तान के दोनों मोर्चो पर किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम होगी।
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