करनाल। भारत की 19वीं शताब्दी के बहुत ही सरल योगी, विचारक, आध्यात्मिक गुरु एवं महान दार्शनिक स्वामी रामकृष्ण परमहंस के विचार और उनके उपदेश आज भी लोगों के अंदर जी रहे हैं। उनके विचारों और शिक्षाओं को अपनाकर लोग अपने जीवन का सुधार कर सकते हैं। उक्त उद्गार जिला करनाल बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता चौधरी शक्ति सिंह ने स्वामी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए व्यक्त किए।
बिना सत्य बोले भगवान को प्राप्त नहीं किया जा सकता
उन्होंने कहा कि रामकृष्ण परमहंस एक अवतारी पुरुष थे जिन्होंने स्वामी विवेकानंद को ईश्वर के दर्शन कराए। उनका मानना था कि हरेक पुरुष और महिला पवित्र हैं। वे आध्यात्मिक कथाओं को सबसे स्पष्ट तरीके से समझाने में माहिर थे। उनका मानना था कि धर्म अलग अलग रास्ते हैं जो एक ही लक्ष्य तक ले जाते हैं। यह अच्छी तरह से जान लो कि भगवान प्रत्येक मनुष्य के अंदर वास करते हैं, किंतु बिना सत्य बोले भगवान को प्राप्त नहीं किया जा सकता, क्योंकि सत्य ही भगवान है।
जिसका ध्यान ईश्वर की तरफ है वह संसार रूपी समुद्र में कभी भटक नहीं सकता
भगवान तो सबके मन में है लेकिन सबका मन भगवान में नहीं है और इसीलिए हम सब दुखी हैं। शक्ति सिंह एडवोकेट ने कहा कि स्वामी रामकृष्ण परमहंस का कहना था कि जैसे नाव जल में तभी तक चल सकती है जब तक जल को अपने अंदर नहीं आने देती, वैसे ही आप भी संसार में रहो लेकिन सांसारिक मोहमाया को अपने अंदर मत आने दो तभी आप ईश्वर से साक्षात्कार कर सकते हैं। आप सांसारिक कार्यों को करते हुए ईश्वर का भी स्मरण करते रहें। जिसका ध्यान ईश्वर की तरफ है वह संसार रूपी समुद्र में कभी भटक नहीं सकता है।