प्रवीण वालिया, Karnal News:
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने गत दिवस खेदड़ गांव में ग्रामीणों और पुलिस के बीच भिड़ंत पर गहरा रोष जताया। उन्होंने कहा कि ये सारी घटना प्रशासन की अनदेखी की वजह से हुई है। इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। उन्होंने कहा कि 24 घंटे बीत जाने के बाद भी प्रदेश सरकार की तरफ से संवेदना के रूप में किसी प्रकार का बयान नहीं आया है।

हिंसा पर लेना चाहिए तुरंत फैसला

मान ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल को इस मामले को गंभीरता से लेकर निपटान करना चाहिए। इस घटना को करीब 24 घंटे का समय बीत जाने के बाद भी प्रदेश के मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हैं, जोकि एक चिंता का विषय है। मुख्यमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़कर संवेदनाओं के साथ इस मामले का हल निकालने के लिए आगे आना चाहिए।

गत दिवस हुई इस घटना को लेकर प्रदेश भर में सरकार के खिलाफ रोष फैल रहा है। प्रजातंत्र में इस तरह की घटना का होना बेहद ही चिंताजनक है। भाकियू अध्यक्ष रतनमान ने प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि लगातार 86 दिन तक खेदड़ पावर प्लांट के पास चले धरने को अगर गंभीरता से लिया जाता तो इस तरह की घटना घटित नहीं होती।

प्रशासन को लापरवाह करार दिया

कहीं न कहीं स्थानीय प्रशासन की बड़ी लापरवाही रही है। अगर शासन-प्रशासन इस दौरान गोशाला कमेटी के सदस्यों के साथ संवेदना से वार्ता करता तो किसान धर्मपाल की मौत न होती और न ही दर्जनों लोग घायल होते। भारतीय किसान यूनियन इस प्रकरण को लेकर ग्रामीणों के साथ डटकर खड़ी है। जब तक सरकार गौशाला कमेटी के साथ बातचीत करके समाधान नहीं करती है तो आंदोलन लगातार जारी रहेगा।

भाकियू ने आज करनाल में चेतावनी देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार बातचीत से मामला सुलझा लें तो ठीक है, अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते है। उन्होंने कहा कि किसान समाधान के लिए जिस जगह धरना लगा लें तो है तो वहां समाधान तक धरना जल्दी से खत्म नहीं होता। इसलिए प्रशासन स्थानीय किसानों की कमेटी से बातचीत करें। हम भी स्थानीय कमेटी से बातचीत करेंगे।

मृतक के परिवार की सहायता करे सरकार

रतनमान ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए गोशाला कमेटी की मांग के अनुसार मृतक धर्मपाल के परिवार को 25 लाख रुपये की सहायता व परिवार के योग्य व्यक्ति को सरकारी नौकरी तुरन्त दी जाएं और गिरफ्तार आंदोलनकारी ग्रामीणों को बिना शर्त तुरन्त रिहा करें। इस अवसर पर किसान नेता मैहताब कादियान, यशपाल राणा, सुरेन्द्र सांगवान, राजिन्द्र राणा सहित कई किसान मौजूद रहे।

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