सरकार की नीतियों प्रयासरत
जहां एक और सरकार अपने विकास कार्यों को लेकर लगातार पैसा खर्च कर रही है। तो वही अधिकारियों की अनदेखी के कारण पैसा पानी में बहता हुआ दिखाई दे रहा है। गांव पोपड़ा के पशु अस्पताल के अंदर इन तस्वीरों में हालात साफ तौर पर देखे जा सकते हैं कि सरकार के नुमाइंदे सरकार की नीतियों को जन जन तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं और अधिकारी है कि सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं तथा व्यवस्थाओं के प्रति आंख मूंदे बैठे रहते हैं।
पशु चिकित्सालय हॉस्पिटल की हालत खराब
गांव पोपड़ा के अंदर पशु चिकित्सालय हॉस्पिटल की हालत दिन प्रतिदिन पतली होती जा रही है और यहां पर कार्यरत डॉ और अधिकारी किसी का भी इसकी तरफ ध्यान नहीं है और तो और हॉस्पिटल के मुख्य गेट टूट चुका है। जिसका आज यहां पर नामोनिशान नहीं डॉक्टर साहब के ऑफिस में भी पानी भरा हुआ है। हॉस्पिटल की चारदीवारी की एक दीवार टूट चुकी है। अगर देखा जाए तो पशु अस्पताल में वॉटर रिचार्ज सिस्टम भी दो लगाए गए हैं। लेकिन वह भी समय आने पर बंद पड़े हुए हैं क्योंकि संबंधित अधिकारियों ने इनके रखरखाव को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया।
गांव वालों को भारी परेशानी
अब अगर गांव में कोई पशु बीमार पड़ जाए तो ग्रामीण उसका इलाज कैसे करवा सकते हैं। पशु अस्पताल तो एक ही बारिश में जलमग्न हो गया। ऐसे हालात में बीमार पशुओं का अस्पताल में लेकर आना तो दूर डॉक्टर भी यहां नहीं पहुंच सकता है। जिसके कारण गांव वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
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