इशिका ठाकुर, Karnal News:

शामलात जमीन को पंचायतों व नगरपालिका को दिये जाने के विरोध में निसिंग की उपतहसील में भारतीय किसान यूनियन के गुलजार सिंह कामरेड की अध्यक्षता में दर्जनों किसानों ने प्रदर्शन कर नायब तहसीलदार शैली मलिक को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

शामलात जमीनें किसानों की हैं

किसान नेता गुलजार सिंह और हरमन सिंह ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आजादी के बाद से किसान शामलात जमीनों पर खेती करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा शामलात जमीनें किसानों की हैं किसानों ने अपनी जमीन का कुछ हिस्सा पशुओं चराने के लिए छोड़ दिया था। कई गांव में यह जमीन किसानों ने बेच और खरीद रखी है। इस जमीन की रजिस्ट्री और इंतकाल किसानों के नाम पर दर्ज हैं।

जमीन को बचाने के लिए किसान लड़ाई लड़ेगें

50 साल से गिरदावरी किसानों के नाम है, लेकिन सरकार कोर्ट के जरिये किसानों से यह जमीन छीनना चाहती है। हम सरकार के इस तनाशाही फैसले का किसान विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि अपनी जमीन को बचाने के लिए किसान लड़ाई लड़ेगें। इसके लिए ब्लॉक के सभी गांवों में पंचायतें शुरू की जाएंगी।
अपने आस-पास के गांवों को डाटा एकत्रित किया जाएगा। किसानों का कहना है कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है। सरकार किसानों से शामलात देह और जुमला मुस्तरका मालकान जमीन को छीनकर बड़े पूंजीपतियों के हवाले करेगी। यह बड़े पूंजीपति इन जमीनों पर खेती करेंगे और अनाज को महंगे दामों पर बेचेंगे।