करनाल: बिजली विभाग के कच्चे कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सीएम सिटी करनाल में प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे थे। बिजली विभाग के कच्चे कर्मचारियों की स्टेट यूनियन के द्वारा सोमवार को करनाल में पूरे प्रदेश से कर्मचारियों के पहुंचने का ऐलान किया गया था और इसके कारण ही प्रदेश भर से सभी बिजली विभाग में लगे हुए कच्चे कर्मचारी करनाल सीएम आवास का घेराव करने के लिए पहुंचे थे लेकिन पुलिस ने उनको रोकने के लिए वेरी गेट लगाए जिसको तोड़ने के प्रयास कर्मचारियों के द्वारा किया गया और उनके ऊपर पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज किया गया।
बिजली विभाग के कच्चे कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी मनीष फतेहाबाद ने कहा यूनियन के द्वारा सोमवार को पूरे हरियाणा से सभी कर्मचारियों को करनाल में पहुंचने के लिए कहा गया था और उसी के आधार पर हम करनाल में पहुंचे थे जहां पर सभी पहले पार्क में इकट्ठा हुए और उसके बाद सड़कों पर रोष मार्च करते हुए मुख्यमंत्री आवास का अपनी मांगों को लेकर घेराव करने के लिए पहुंचे थे । लेकिन पुलिस के द्वारा वहां पर वेरीगेटिंग करके उनको रोकने का प्रयास किया गया और इस दौरान पुलिस के द्वारा उनके ऊपर लाठी चार्ज की गई जिसमें कहीं कर्मचारी घायल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के द्वारा कर्मचारियों को लाठी के साथ चोट मारी गई है उनमें से ज्यादातर बिना पुलिस की वर्दी के ही लाठी चार्ज कर रहे थे और उन्होंने उनको पुलिसकर्मी ना बताते हुए गुंडा कहा है कि पुलिस की आड़ में भारतीय जनता पार्टी ने गुंडो को छोड़ रखा है जो कर्मचारी पर लाठी चार्ज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह खुद इस प्रोटेस्ट में घायल हुए हैं उनके सर पर लाठी लगी हुई है जिसमें वह घायल हो गए हैं।
अन्य कर्मचारियों ने कहा कि वह अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने के लिए और मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए यहां पर पहुंचे थे लेकिन पुलिस के द्वारा उनके ऊपर लाठी चार्ज किया गया है। जबकि वह शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे हालांकि वीडियो में यह भी स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि कर्मचारी भी वेरीगेटिंग तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी मुख्य मांग है कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए और उनकी अन्य कर्मचारियों की तरह जो डिमांड है, उन सभी को पूरा किया जाए , उन्होंने कहा कि पहले भी हम सरकार को कई बार अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन सरकार ने उनकी बात नहीं मानी जिसके चलते उनका आंदोलन की रहा पकड़नी पड़ी है। उन्होंने कहा कि कच्चे कर्मचारी जब बिजली लाइन पर काम करते हैं तो कहीं दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं और कई लोगों की मौत भी हो चुकी है हम ऐसी पॉलिसी चाहते हैं कि उनको कुछ मुआवजा भी दिया जाए । लेकिन सरकार उनकी बात मानने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि अब वह मुख्यमंत्री आवास के बाहर ही धरना लगाएंगे और जल्द ही मीटिंग करके सरकार के खिलाफ कोई बड़ा एक्शन लिया जाएगा।