जिला में प्रारम्भिक स्टेज पर पनप रही अवैध कॉलोनियों को रोकने के लिए डीटीपी कार्यालय की ओर से 85 कॉलोनियों को किया डिटैक्ट

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Detected 85 Colonies by DTP Office to Stop Illegal Colonies
Detected 85 Colonies by DTP Office to Stop Illegal Colonies
  • जनता से अपील-अवैध कॉलोनियों में न खरीदें प्लॉट/मकान, अवैध कॉलोनियों की सूची नगर निगम/पालिका, तहसील, उपमण्डलाधीश व उपायुक्त कार्यालय में की जाएंगी चस्पा : एडीसी डॉ. वैशाली शर्मा
  • अवैध कॉलोनियों को रोकने के लिए जनता भी दे सकती है उपयोगी सुझाव,
प्रवीण वालिया, Karnal News:        
टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग की 2011 की अधिसूचना के तहत गठित जिला टास्क फोर्स की बुधवार को एडीसी डॉ. वैशाली शर्मा की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में, करनाल के डीटीपी आर.एस. बाठ ने जानकारी दी कि जिला में 80 से 85 ऐसी कॉलोनियां का पता लगाया गया है, जो अवैध हैं और प्रारम्भिक स्टेज पर हैं। इनमें से करीब 40 कॉलोनियां अकेले करनाल अर्बन में हैं।
इसे देखते लोगों से अपील की जाती है कि वे अवैध कॉलोनियों में प्लॉट न खरीदें। उन्होंने बताया कि इस बारे सभी उपमण्डलाधीशों व तहसीलदारों को किला नम्बर/खसरा नम्बर सहित लिखित सूचना भेजी जा रही है कि वे ऐसी कॉलोनियों में रजिस्ट्री न करें। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम को ऐसी कॉलोनियों की लोकेशन देकर उनसे भी इनमें कनैक्शन न देने के लिए अनुरोध किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनता की जानकारी के लिए ऐसी कॉलोनियों की सूची, उपायुक्त कार्यालय, नगर निगम, सभी एसडीएम कार्यालय व तहसीलों में चस्पा करवाई जाएंगी। अवैध कॉलोनियों क्यों डव्ल्प हो रही हैं, इसे रोकने के लिए डीटीपी ने मीटिंग में मौजूद अधिकारियों से सुझाव भी मांगे।

कंट्रोल्ड एरिया को लेकर डीटीपी कार्यालय बना रहा नया मास्टर प्लान

मीटिंग में डीटीपी ने बताया कि करनाल का वर्ष 2025 तक का मास्टर प्लान बना हुआ है। भविष्य को देखते इसमें जल्द ही नई चीजें जोड़कर इसे 2041 तक का बनाएंगे, जिसमें कंट्रोल्ड एरिया को घोषित किया जाएगा। कंट्रोल्ड एरिया में किसी भी तरह की डव्ल्पमेंट के लिए परमिशन लेनी अनिवार्य होती है।

रजिस्ट्री के लिए तहसीलदार को 1 एकड़ से कम जगह की एनओसी लेनी जरूरी

उन्होंने बताया कि कंटोल्ड और अर्बन एरिया में कुछ ऐसे एरिया हैं, जिसमें कोई भी तहसीलदार 7-ए के तहत रजिस्ट्री कर सकता है, लेकिन एक एकड़ से कम जगह के लिए डीटीपी से एनओसी लेनी अनिवार्य है, 7-ए, हरियाणा डव्ल्पमेंट एंड रेगूलेशन ऑफ अर्बन एरिया एक्ट-1975 में आता है।

आर.डब्ल्यू.ए. के साथ की जा रही नियमित बैठकें

 उन्होंने बताया कि आर.डब्ल्यू.ए. और लाईसेंसियों की ओर से कुछ कॉलोनियों में डव्ल्पर्स द्वारा सुविधाएं न देने को लेकर जिला प्रशासन को शिकायतें मिलती रहती हैं। इन्हें दूर करने के लिए डीटीपी कार्यालय, आर.डब्ल्यू.ए. के साथ नियमित तौर पर बैठकें कर रहे हैं। अब तक 5 बैठकें की जा चुकी हैं। निर्णय लिया गया है कि हर 2 महीने में ऐसी बैठकें की जाएंगी। उन्होंने बताया कि आर.डब्ल्यू.ए., कॉलोनियों में सड़कें न होने, एसटीपी का न होना और मेन रोड या हाईवे से उपयुक्त रास्ता न मिलने जैसे मुद्दों को लेकर प्रशासन के पास आते हैं।

अगले 6 महीने में कर सकते हैं अप्लाई

डीटीपी ने बताया कि सरकार की 19 जुलाई 2021 की पॉलिसी के अनुसार नगर निगम एरिया के बाहर जो भी अवैध कॉलोनी है और जो 1 जुलाई 2022 के पहले की बनी है, उसे नियमित करवाने के लिए, जिला स्तरीय गठित कमेटी को आवेदन किया जा सकता है। उपायुक्त इस कमेटी के चेयरमैन तथा डीटीपी सदस्य सचिव हैं।
जिला परिषद के सीईओ, डीडीपीओ, लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सड़कें), जन स्वास्थ्य विभाग तथा पंचायती राज के कार्यकारी अभियंता, वन मंडल अधिकारी और तहसीलदार बतौर मैम्बर कमेटी में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे आवेदन के प्रस्तावों को आगामी कार्रवाई के लिए मंडल आयुक्त के पास भेजा जाएगा। इस पॉलिसी में जितने भी बिन्दू शामिल हैं, उनकी जानकारी लोगों तक पहुंचाकर उन्हें जागरूक किया जाएगा।

अवैध कॉलोनियों को लेकर जनता दे सकती है सुझाव, डीटीपी कार्यालय में लगाई सुझाव पेटी

उन्होंने बताया कि अवैध कॉलोनियों को पनपने न देने के लिए जनता भी अपने सुझाव दे सकती है। इसके लिए डीटीपी कार्यालय में सजैशन बॉक्स लगाया गया है। लोग चाहें तो ईमेल suggestiondtp@gmail.com के जरिए भी अपने उपयोगी सुझाव दे सकते हैं।

डीटीपी ने पर्याप्त पुलिस सहायता की उठाई मांग

मीटिंग में डीटीपी ने एडीसी के समक्ष अवैध निर्माण की तोडफ़ोड़ करने के लिए पर्याप्त पुलिस बल आवश्यकता की मांग उठाई और कहा कि ऐसी मुहिम में 20 से 25 पुलिस कर्मचारियों की जरूरत पड़ती है, पुलिस लाईन से मिल जाएं तो अच्छा है।
इस पर अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि भविष्य में जो भी डैमोलिशन ड्राईव करनी हों, उसकी एंडवांस सूचना या शैड्यूल एस.पी. कार्यालय को दे दें, ताकि समय पर उचित पुलिस बल का बंदोबस्त किया जा सके। करनाल पुलिस को लेकर उन्होंने एक अच्छी बात बताई कि बीते 2 सालों में पुलिस को कार्रवाई के लिए जितना लिखा गया है, उसमें से 90 प्रतिशत प्राथमिकी दर्ज हुई हैं। अब पुलिस अधीक्षक से अनुरोध करके सभी एसएचओ के साथ एक मीटिंग की जाएगी, ताकि सरकार की पॉलिसी को ओर बेहतर ढंग से लागू किया जा सके।

लाईसेंसी कॉलोनी के आवासीय एरिया में व्यवसायिक गतिविधियों के लिए अनुमति जरूरी

डीटीपी ने बताया कि अल्फा सिटी, सीएचडी सिटी व असंल जैसी जितनी भी लाईसेंसी कॉलोनियां हैं। यदि कोई व्यक्ति इन कॉलोनियों के आवासीय एरिया में व्यवसायिक गतिविधि करना चाहता है, तो वह अनुमति लेकर 50 वर्ग मीटर में कर  सकता है। इसके लिए सम्बंधित व्यक्ति को 5 साल की अवधि के लिए 30 हजार रूपये की फीस जमा करवानी होगी।

144 कॉलोनियों का किया गया ड्रोन सर्वे

उन्होंने बताया कि सरकार के आदेशानुसार करनाल जिला में 144 कॉलोनियों का ड्रोन से सर्वे करवाया गया है। इनमें 45 कॉलोनी ऐसी हैं, जो नगर पालिका/नगर निगम से बाहर हैं, बाकि अंदर हैं। सर्वे का मकसद उन्होंने बताया कि ऐसी कॉलोनियों में तोडफ़ोड़ से पहले यह देखा जाएगा कि इसमें कितने मकान बने हुए हैं।
मीटिंग में नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त गौरव कुमार, उप मण्डलाधीश घरौंडा अभय जांगड़ा, नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी देवेन्द्र नरवाल तथा पीडब्ल्यूडी व यूएचबीवीएन के कार्यकारी अभियंता मौजूद रहे।
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