Karnal News गंभीर आपराधिक मामलों में कोर्ट में अच्छे से पैरवी करने के डीसी ने दिए निर्देश

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करनाल: उपायुक्त ने जिला न्यायवादी (डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी) को निर्देश दिये कि गंभीर अपराध के मामलों में अदालतों में प्रभावी ढंग से पैरवी की जाये ताकि दोषी सजा से न बच सकें। साथ ही पुलिस को निर्देश दिये कि वे ऐसे मामलों की वैज्ञानिक तरीके से जांच करें ताकि सबूतों के अभाव में कोई बरी न हो सके।
बैठक में उपायुक्त ने जिला न्यायवादी और पुलिस अधीक्षक (जेल) को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये कि बंदियों को कोर्ट में भौतिक तौर पर पेशी की बजाय वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश किया जाये। इससे न केवल समय और खर्च बचेगा बल्कि सुरक्षा व्यवस्था में लगे कर्मचारियों की संख्या को भी कम किया जा सकेगा। जिला न्यायवादी की ओर से जानकारी दी गई कि इंद्री और असंध में अधिकांश बंदियों को वीसी के जरिये ही पेश किया जा रहा है। करनाल में भी वीसी के जरिये पेश किये जाने वालों की प्रतिशत को बढ़ाया जायेगा। बैठक में जानकारी दी गई कि जघन्य अपराधों के दो मामलों में पिछले दिनों दो लोगों को सजा दी गई। उप जिला न्यायवादी सुभाष ने बताया कि एनडीपीएस के एक मामले में दस साल की सजा सुनाई गई है। इतनी ही सजा बलात्कार के एक मामले में दी गई है। उपायुक्त ने कहा कि गंभीर अपराधों में अच्छे से पैरवी कर सजा के प्रतिशत को बढ़ाया जा सकता है। उपायुक्त ने नये कानूनों के बारे में पुलिस व अन्य अधिकारियों को जागरूक करने के लिये ट्रेनिंग कैंप आयोजित करने के निर्देश दिये। बैठक में एसपी मोहित हांडा, एसपी (जेल) अमित कुमार, डीए डा. पंकज सैनी, डीएसपी नायब सिंह, डीईओ सुदेश कुमारी, एसआई सतपाल भी मौजूद रहे।