प्रवीण वालिया, Karnal News:
शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए अब ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा। आवेदन प्रक्रिया परिवार पहचान पत्र के साथ जोड़ी जाएगी। इसके लिए सरल और अटल सेवा केंद्रों के माध्यम से आवेदन करना होगा।
वीडियो कांफ्रेंस से दी सबको जानकारी
बुधवार को प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजीव अरोड़ा के साथ हुई एक वीडियो कांफ्रेंस के हवाले से डीसी अनीश यादव ने जानकारी दी। वीसी में एसपी गंगा राम पुनिया भी मौजूद थे। डीसी ने बताया कि हरियाणा सरकार नागरिकों की सुविधा के लिए विभिन्न स्कीमों और सेवाओं का लाभ देने के लिए कृत संकल्प हैं। इनकी संख्या करीब 600 हो गई है, अब इनमें आर्म लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन की सेवा भी जुड़ गई है। इस सुविधा से नागरिकों को बिचौलियों की भूमिका को प्रोत्साहित करने वाली जटिल आवेदन प्रक्रिया से छुटकारा मिलेगा और उन्हें सेवाओं का लाभ उठाने में किसी अड़चन का सामना नहीं करना पड़ेगा।
सरल केंद्र और सीएससी में सुविधा शुरू
उन्होंने बताया कि करनाल में भी सरल केन्द्र और सीएससी में यह सुविधा शुरू हो गई है। आवेदन करने के लिए नागरिक को स्वयं उपस्थित होना होगा। आवेदन में सरकार की ओर से निर्धारित फीस ही देनी होगी। इस सेवा में नए आर्म लाईसेंस जारी करना, लाईसेंस की रिन्यूअल, शस्त्र का अधिग्रहण, किस तरह का हथियार लेना है, ब्रिकी और हस्तांतरण, सम्बंधित एरिया में वैलीडिटी की एक्सटेंशन, आउट साईड लाइसेंस की रजिस्ट्रेशन, अपने क्षेत्राधिकार में पता बदलवाना, हथियार खरीदने की अवधि की एक्सटेंशन, एक प्रकार के हथियार को दूसरे प्रकार के हथियार में कन्वर्ज करना, डुप्लीकेट आर्म लाइसेंस जारी करना तथा बारूद की मात्रा बदलना जैसी 14 सेवाएं निहित की गई हैं।
बोले अधिकारी- ऑनलाइन प्रक्रिया बेहद आसान
उन्होंने बताया कि आर्म लाइसेंस की ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया मुश्किल नहीं, आसान है। इसमें दलालों की मदद लेने की जरूरत नहीं। आवेदनकर्ता के पास हथियार चलाने का प्रमाण पत्र होना चाहिए। हथियार को सेफ कस्टडी में रखना होगा। मेडिकल सर्टिफिकेट, जन्म व आवास प्रमाण पत्र, पहचान के लिए सबूत तथा एफिडेविट या सेल्फ डैक्लेरेशन देना होगा।
कैसे होगी प्रक्रिया पूरी
उन्होंने बताया कि ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया में आवेदन, ऑनलाइन ही जांच के लिए पुलिस और उपायुक्त कार्यालय की सस्त्र लाइसेंस शाखा में जाएगा, आवेदन गलत होगा तो वापिस भी भेजा जा सकता है। आवेदन को उपायुक्त कार्यालय की ओर से एसपी ऑफिस को वेरिफिकेशन के लिए भेजेंगे। वहां से फिर डाउन में डीएसपी की सिफारिश व टिप्पणी सहित एसपी के पास आएगा और एसपी से जिला मजिस्ट्रेट की पीएलए या एलपीए शाखा का आएगा। इस प्रक्रिया में ऑनलाइन आवेदन की जांच-पड़ताल डीएम और एसपी कार्यालय के माध्यम से की जाएगी।
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