Karnal News : मोदी-पुतिन में बातचीत के बाद रूस में फंसे युवक के वतन लौटने की उम्मीद

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Karnal News : मोदी-पुतिन में बातचीत के बाद रूस में फंसे युवक के वतन लौटने की उम्मीद
Karnal News : मोदी-पुतिन में बातचीत के बाद रूस में फंसे युवक के वतन लौटने की उम्मीद

Karnal News : इशिका ठाकुर। करनाल। कई महीनों से करनाल (Karnal) सहित भारत (India) के कई राज्यों के युवक रूस (Russia) में फंसे हुए हैं। पहले भी कई मीडिया द्वारा उनकी खबर को प्रमुखता से दिखाया गया है ताकि सरकार उनको भारत लाने में पीड़ित परिवार की मदद करे।

रूस में फंसे भारतीयों (Indians) के लिए अच्छी खबर आई है कि उन्हें जल्द भारत भेजा जाएगा। इसके बाद उन परिवारों की उम्मीद जगी है जिनके बच्चे रूस आर्मी (army) में काम कर रहे थे। यह खबर सुनने के बाद परिवारों में खुशी का माहौल है और वह भारत व रूस की सरकार का धन्यवाद करते नहीं थक रहे।

करनाल के गांव साम्भली (Sambhli) का युवक हर्ष (Harsh) के परिवार की भी अब उम्मीद जगी है कि उनका बेटा अब घर वापिस आ जाएगा। हर्ष दिसंबर (December) में विदेश यात्रा पर गया था लेकिन गलत एजेंट (Agent) के चलते वह रुस आर्मी में पहुंच गया। हर्ष साधारण परिवार से ताल्लुक रखता है जिसके घर का खर्च गांव में ही एक करियाने की दुकान से चलता है।

Karnal News : मोदी-पुतिन में बातचीत के बाद रूस में फंसे युवक के वतन लौटने की उम्मीद
Karnal News : मोदी-पुतिन में बातचीत के बाद रूस में फंसे युवक के वतन लौटने की उम्मीद

हर्ष की मां सुमन ने बताया कि जब उन्होंने यह खबर सुनी तब उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था ,उनका बेटा युद्ध के जिस माहौल में जी रहा था उससे हर पल डर लगा रहता है कई बार भारतीयों के मारे जाने और लापता होने की खबरे भी आती थी अब तो ऐसा लगने लगा था की कभी बेटे से मिल भी पाएंगे या नहीं आज की यह खबर सुनने के बाद उनकी बेटे से मिल पाने की उम्मीद जग उठी है, इसके लिए वह भगवान और दोनो देशों की सरकारों का धन्यवाद करती है।

हर्ष के पिता सुरेश कुमार को भी उम्मीद है की जैसे प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में पहले भी विदेश में फेस भारतीय को निकाला है। ऐसे ही उनके बच्चे भी घर वापिस आ जायेगे।

उन्होंने बताया कि हर्ष से अब तो बात होती रहती है लेकिन एक समय ऐसा भी आया कि 10 दिन भी बात नही हो पाती थी। उन्होंने बताया की पिछले कुछ दिनों से उनके बेटे के साथ अच्छा बरताव हो रहा था। उनसे हेल्पर (helper) के तौर पर ही काम लिया जा रहा है। अब उन्हें युद्ध में नहीं भेजा जा रहा। Karnal News

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