करनाल। करनाल नगर निगम के आयुक्त नीरज कादियान ने जानकारी देते हुए बताया कि करनाल शहर वासियों के लिए परेशानी का सबब बने बंदरों को पकड़ने का कार्य कुछ दिन पहले शुरू किया गया था। इसके तहत बंदर पकड़ने वाली एक्सपर्ट टीम ने अभी तक करीब 57 बंदरों को पकड़ लिया है। इनमे से 47 बंदरों को कलेसर के जंगल में छोड़ा जा चुका है। उन्होंने बताया कि नागरिकों को उत्पाती बंदरों से निजात दिलाने के लिए नगर निगम गम्भीरता से कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि पकड़े गए सभी बंदरों को पशुपालन विभाग से मेडिकल करवाने के उपरांत जंगल में छोड़ा गया है। बंदर पकड़ने का कार्य नियम व शर्तों के तहत ही किया जा रहा है। सभी बंदरों के पकड़े जाने तक यह अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन बंदरों को शहर के सेक्टर 9, फूसगढ़, प्रेम नगर, गुड़ मंडी, रेलवे स्टेशन तथा पाल नगर जैसे क्षेत्रों से पकड़ा गया है। बुधवार को वार्ड 20 में काछवा रोड स्थित सी.एस.एस.आर.आई. के सामने मंदिर के पास पिंजरे लगाए गए थे और दोपहर तक करीब 10 बंदरों को पकड़ा जा चुका है। उन्होंने बताया कि जिस क्षेत्र से शिकायत प्राप्त होती है, वहीं पर पिंजरा लगाकर बंदरों को पकड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर किसी क्षेत्र में बंदर ज्यादा तादाद में हैं, तो वह एजेंसी के सम्पर्क नम्बर 9690402290 तथा नगर निगम के टोल फ्री नम्बर 18001802700 पर सूचना दे सकते हैं। बंदरों को पकड़ने के यह हैं नियम व शर्तें- निगमायुक्त ने जानकारी देते बताया कि बंदरों को पकड़ने के लिए नगर निगम द्वारा नियम व शर्तें निर्धारित की गई हैं। उन्होंने बताया कि बंदरों को एनिमल बोर्ड आॅफ इंडिया के मानदंडों के अनुसार ही पकड़ा जाएगा। पकड़े गए सभी बंदरों को कलेसर के जंगल में छोड?ा होगा। सम्बंधित एजेंसी को प्रीवेंशन आॅफ क्रूएल्टी आॅफ एनीमल एक्ट-1960 व वन्य प्राणी अधिनियम -1972 की धारा-12 (बीबी) तथा ए.डब्ल्यू.बी.आई. के आदेशों की पालना करना अनिवार्य होगा। इन्हें पकड़ते समय किसी भी प्रकार की क्रूरता व निर्दयता नहीं बरती जाएगी तथा पिंजरा व अन्य सभी उपकरण सम्बंधित एजेंसी के होंगे।
उनके पिंजरे में खाने की चीजें जैसे चना, गुड, मूंगफली, फल व अन्य खाद्य पदार्थ एजेंसी को ही उपलब्ध करवाने होंगे। बंदरों को वन में छोड?े के लिए गाड़ी/ट्रैक्टर-ट्राली, ड्राईवर व डीजल इत्यादि संसाधन भी सम्बंधित एजेंसी के ही होंगे। इस कार्य के लिए लगाए गए कर्मचारी प्रशिक्षित होने चाहिएं। निगमायुक्त ने बताया कि पकड़े गए सभी बंदरों को पशु चिकित्सक अस्पताल से मेडिकल करवाना अनिवार्य रहेगा।
बंदरों को पकड़ने के लिए किसी भी नशीली वस्तु व दवा के प्रयोग पर प्रतिबंध
बंदरों को पकड़ने के लिए किसी भी नशीली वस्तु व दवा का प्रयोग करने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा और न ही भोजन में ऐसा कोई पदार्थ दिया जाएगा। एजेंसी अपने अधीन कर्मचारियों को सेफ्टी किट व फर्स्ट एड किट उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करेगी। पकड़े गए बंदरों को एजेंसी साफ-सुथरे स्थल पर रखेगी। बता दें कि एजेंसी को ठेके के नियम व शर्तों के अनुरूप ही कार्य करना होगा। एजेंसी को निगम की मांग अनुसार कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ानी होगी। बंदरों को पकड़ने का कार्य संतोषजनक न पाए जाने पर एजेंसी का ठेका रद्द करने का पूर्ण अधिकार नगर निगम आयुक्त का रहेगा। इसके अतिरिक्त नियम व शर्तों में किसी भी प्रकार का संशोधन करने का अधिकार भी निगमायुक्त का ही होगा।