Aaj Samaj (आज समाज),Karnal News, करनाल, 29 मई, इशिका ठाकुर:
संयुक्त परिवारों का चलन शहर हो या गांव अधिकांश रूप से समाप्त सा हो गया है। संयुक्त परिवारों के बाद जहां एकाकी परिवारों ने समाज में अपना स्थान बना लिया था तो अब वह भी टूटता सा दिखाई दे रहा है। इसके पीछे मोबाइल फोन का अधिक प्रयोग भी दिखाई दे रहा है। समय व्यतीत करने तथा मनोरंजन के रूप में मोबाइल फोन का तेजी से बढ़ रहा चलन, छोटे परिवारों में भी आपसी दूरी का कारण बनता जा रहा है।
एक तरफ जहां मोबाइल फोन का सार्थक रूप में किया जा रहा उपयोग फायदेमंद है तो दूसरी तरफ मोबाइल फोन के मनोरंजन तथा टाइमपास के लिए किये जा रहे उपयोग से भी घातक परिणाम सामने आ रहे हैं। मोबाइल फोन के अधिक उपयोग से परिवार के सदस्यों के बीच आपसी बातचीत का दौर न के बराबर हो गया है। पहले बातचीत के दौर को खत्म करने में काफी हद तक सबसे बड़ा हाथ टीवी का रहा है तो अब ये स्थान मोबाइल में ले लिया है। आजकल देखने मे आ रहा है कि मोबाइल के चलन के कारण ज्यादातर पति पत्नी के रिश्ते में भी दरार आने लगी है।
करनाल जिला महिला संरक्षण अधिकारी सविता राणा ने बताया है कि काउंसलिंग के दौरान बहुत से प्रकरणों में यह तथ्य सामने आए हैं कि शादी के बाद भी मायके वाले नियमित रूप से अपनी लड़की के साथ मोबाईल के माध्यम से प्रतिदिन लंबे समय तक संपर्क में रहते है। जिसके कारण लड़की अपने पति और ससुराल पक्ष के साथ ठीक से रिश्ता ही नहीं बना पाती हैं। मायके वालों के दखल के कारण लड़कियां पहले दिन से ही ससुराल को अलग तरीके से देखने लगती हैं। शादी के कई महीने बीत जाने के बाद भी लड़की विशेषता अपनी मां के साथ दिन भर जुड़ी रहती है, ज्यादातर उनके ही निर्देश पर वह काम करती हैं। जिसके कारण पति तथा ससुराल पक्ष के अन्य सदस्यों के साथ टकराव की स्थिति बन जाती है तथा मोबाइल पर लम्बी बातचीत के कारण पति के मन में शक पैदा हो जाता है, जो बाद में झगड़े व अलगाव का कारण बनता है।
मोबाइल पर ज्याद बात करने के कारण लड़कियां मायके और ससुराल के बीच झूले के समान झूलती रहती है
कई मामलों में यह भी हुआ है कि मोबाइल फोन रिश्तो को बनने से पहले ही बिगाड़ रहा है। शादी के बाद जब लड़की ससुराल पहुंचती है तब सबसे ज्यादा बात वह अपने मायके वालों और विशेषकर अपनी मां से करती रहती है। पति और ससुराल की हर बात को वह मायके वालों से शेयर करती है। मायके वाले उसको ज्यादा से ज्यादा अधिकार संपन्न बनाने और हर किसी को अपनी उंगलियों पर नचाने के नुस्खे देते रहते हैं। जिसके कारण नव दंपति के बीच भी वह संबंध नहीं बन पाता है, जो पति और पत्नी के बीच जरूरी होता है और अक्सर देखा गया है कि पत्नी के रूप में शादीशुदा लड़की अपना घर ही नही बसा पाती है, जिसके लिए उसने शादी की है। इस तरह के मामलों में लड़के लड़की पर काउंसलर की भूमिका भी कोई असर नहीं कर पा रही हैं।
शादी की शुरुआत में पति-पत्नी के बीच तलाक की नौबत आ जाती हैं
कुटुंब न्यायालय में काउंसलिंग के दौरान तलाक के लिए 50 फीसदी से अधिक मामलों में मायके वालों के नियमित हस्तक्षेप के कारण रिश्ते टूटने की बात सामने आई है। हर छोटी-बड़ी बात में लड़की के मायका पक्ष की दखलंदाजी के कारण हजारों घर बसने से पहले ही उजड़ जाते हैं, जिसका बड़ा खामियाजा लड़के और लड़कियों, दोनों को झेलना पड़ता है।
कई बार यह भी देखा गया है कि नव दंपति को जिस वक्त एक दूसरे से बात करने और एक दूसरे को समझने की जरूरत होती है ऐसे में मोबाइल फोन का अधिक प्रयोग पति पत्नी के रिश्ते के बीच तनाव पैदा करता है और मोबाइल का प्रयोग अधिक दोनों के बीच शक का कारण भी बन जाता है तथा रिश्तो के शुरुआत में ही बड़ी दरार आ जाती है तथा नौबत तलाक तक पहुंच जाती है।
तकनीकी माध्यम के रूप में करना चाहिए मोबाइल फोन का प्रयोग
विशेषज्ञों की अगर माने तो मोबाइल फोन का अधिक प्रयोग आपसी रिश्तो के साथ साथ स्वास्थ्य की दृष्टि से भी काफी नुकसानदायक है। करनाल जिला सरकारी अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर मनन गुप्ता के अनुसार मोबाइल फोन का अधिक प्रयोग तनाव पैदा करता है। जिसकी वजह से कुछ लोग डिप्रेशन का भी शिकार हो जाते हैं और मोबाइल फोन डिप्रेशन के साथ-सथ अनिद्रा, तनाव, घबराहट, बेचैनी और कहीं न कहीं सर दर्द के साथ भी जुड़ा हुआ है जिसके कारण काम में तथा आपसी रिश्तो में दिक्कत आती है। ऐसे में शरीर जब ठीक नहीं होगा तो पति पत्नी आपसी रिश्तो को कैसे ठीक कर पाएंगे।
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