उपायुक्त निशांत यादव ने अधिकारियों के साथ किया साईट का मौका मुआयना
प्रवीण वालिया, नीलोखेड़ी/करनाल:
जिला के नीलोखेड़ी में नए बस अड्डे के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। बुधवार को उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बस अड्डे के लिए, पुलिस स्टेशन के साथ लगती साईट का मौका-मुआयना किया। उनके साथ जी.एम. रोडवेज कुलदीप सिंह, बी. एंड आर. के कार्यकारी अभियंता आर.के. नैन, तहसीलदार जोधाराम और नगरपालिका सचिव नरेन्द्र शर्मा भी थे।
यह होगी बस अड्डे की जगह-नीलोखेड़ी में जिस जगह पर बस अड्डे के निर्माण की योजना फाईनल हुई है, वह पुलिस स्टेशन परिसर में और एन.एच.-44 के साथ लगती करीब 8 एकड़ की खाली पड़ी भूमि है। बस अड्डे के लिए केवल डेढ एकड़ जमीन ही ली जाएगी, जिस पर तीन बेज का बस अड्डा बनाया जाना प्रस्तावित है। बतौर उपायुक्त जरूरत पडऩे पर इसका विस्तार कर 6 बेज भी बनाए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री की घोषणाओं में शामिल थी बस अड्डे की मांग- बता दें कि नीलोखेड़ी में बस अड्डे की मांग काफी सालों से चली आ रही है और यह मुख्यमंत्री की घोषणाओं में शामिल थी। इसमें नीलोखेड़ी तरावड़ी और निगदू यानि 3 जगहों पर बस अड्डों का निर्माण किया जाना था। इसके फलस्वरूप तरावड़ी में ही करीब डेढ़ एकड़ में ही बस अड्डा बनकर तैयार हो गया है, निगदू में निर्माणाधीन है और नीलोखेड़ी में उपयुक्त जगह का चुनाव होने पर अब यह योजना सिरे चढ़ेगी।
बस अड्डे के निर्माण से यहां लम्बी दूरी की बसें कुछ समय के लिए रूक सकेंगी, जिससे इस क्षेत्र के यात्रियों को फायदा होगा और उन्हें करनाल व पिपली नहीं जाना पड़ेगा। उपायुक्त ने अधिकारियों के साथ पहले पुलिस थाना परिसर में और उसके बाद जी.टी. रोड पर जाकर बस अड्डे के लिए एंट्री-एग्जिट का कौन सा रास्ता ठीक रहेगा, इसका मौका-मुआयना किया। इस दौरान नीलोखेड़ी के पालिका पार्षद भी उपायुक्त को मिले। उन्होंने कहा कि वे अस बड्डे के निर्माण के लिए एंट्री-एग्जिट को लेकर पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने बस अड्डे की जगह का चुनाव करने पर उपायुक्त का धन्यवाद भी किया। जगह के चुनाव के बाद आगे क्या- बता दें कि बस अड्डे के लिए जगह के चुनाव के बाद अब कागजी कार्रवाई प्रारम्भ की जाएगी। उपायुक्त ने अधिकारियों को इसकी प्रपोजल बनान के निर्देश दिए। प्रारम्भ में जी.एम. रोडवेज, डी.जी. ट्रांसपोर्ट हरियाणा को जगह उपलब्ध होने और उस पर बस अड्डा बनाने की फिजिबलिटी का पत्र प्रेषित करेंगे। डी.जी. कार्यालय, ए.सी.एस. होम को लैंड ट्रांसफर के लिए लिखेगा। इसकी प्रति ए.सी.एस. ट्रांसपोर्ट को भी जाएगी और एक प्रति सूचना के लिए डायरेक्टर लैंड रिकॉर्डर को भी भेजी जाएगी। इस प्रक्रिया के पूरे होने के बाद चीफ ऑर्कीटैक्ट से ड्राईंग बनेगी और फिर निर्माण का एस्टीमेट तैयार होगा। एस्टीमेट की अप्रवूल के बाद बस अड्डे के निर्माण का टैण्डर होगा और वर्क ऑडर जारी होगा। बता दें कि नीलोखेड़ी में नेशनल हाईवे पर वर्तमान में एक क्यू शैल्टर है। अमूमन यहां लोकल बसें रूकती हैं, लम्बी दूरी की बसें नहीं रूकती। बस अड्डे के निर्माण से यात्रियों के लिए दिल्ली और उससे आगे तथा चण्डीगढ़, हिमाचल व पंजाब में जाने के लिए आसानी से बसें उपलब्ध होंगी।