प्रवीण वालिया, करनाल :
भगवत गीता के समापन वाले दिन महाराज विष्णु कृष्ण दास ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता एक आदर्श थी। उन्होंने कहा कि कौन कहता है कि सुदामा गरीब थे। सुदामा के पास श्री कृष्ण जैसा मित्र था। उन्होंने कहा कि यदि किसी से मित्रता करनी है तो भगवान श्री कृष्ण जी से करो। उनको अपने भाव समर्पित कर आप निशचिन्त हो जाओ। महाराज विष्णु कृष्ण दास विष्ण मंदिर में प्रवचन कर रहे थे। आज श्री मद्भागवत कथा का समापन हुआ। श्रवण सैंकड़ों धमार्लुओं ने किया। उन्होंने कहा कि भगवान को सही मन से पुकारो तो भगवान दौड़े चले आते हैं। उन्होंने बताया कि भगवान को केवल भाव की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कलियुग में मुक्त का मार्ग संकीर्तन है। इसके माध्यम से मुक्ति का मार्ग खुलता है। इस अवसर पर पिहोवा डेयरी के संचालक पंकज टंडन तथा प्रवीण गुप्ता व जगदीप मुख्य यजमान थे। उन्होंने व्यास पीठ का पूजन किया। स्वच्छ भारत मिशन हरियाणा के वाइस चेयरमैन सुभाष चंद्र ने इस कथाा में अपना महत्वपूर्ण योगदान किया। रवि सौदा, श्रीमती बाला देवी , अश्विनी शर्मा, राजा तोमर, पीयूष शास्त्री, अभिषेक शर्मा एवं विभिन्न क्षेत्रों से भक्तगण मौजूद थे जिन्होंने भगवान का आशीर्वाद लिया।