करनाल : करनाल-यमुनानगर नई रेल लाईन परियोजना करनाल संसदीय क्षेत्र के लोगों के लिए बड़ी सौगात : सांसद संजय भाटिया

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sanjay bhatia
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प्रवीण वालिया, करनाल :

सांसद संजय भाटिया ने कहा कि हरियाणा सरकार ने करनाल-यमुनानगर नई रेल लाईन परियोजना को अपनी मंजूरी देकर करनाल संसदीय क्षेत्र के लोगों को बहुत बड़ी सौगात दी है। इसके लिए सांसद ने रेल मंत्री भारत सरकार व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार प्रकट किया और कहा कि इस परियोजना से करनाल व यमुनानगर जिलों के बीच सीधे एवं त्वरित रेल संपर्क के लिए क्षेत्र के लोगों की चिरलम्बित मांग पूरी होगी। हरियाणा रेल अवसंरचना विकास निगम (एचआरआईडीसी- रेल मंत्रालय और हरियाणा सरकार का एक संयुक्त उद्यम) ने 883.78 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की इस डीपीआर को अंतिम रूप दिया है। यह परियोजना लगभग चार वर्ष की अवधि में पूरी होने का अनुमान है। यह परियोजना हरियाणा के दक्षिणी एवं पश्चिमी हिस्सों को पवित्र शहर हरिद्वार से सीधे जोड़ेने का काम करेगी।

उन्होंने बताया कि करनाल-यमुनानगर रेल लाईन हरियाणा के लोगों को त्वरित, सुरक्षित, किफायती, आरामदायक और विश्वसनीय मोबिलिटी विकल्प प्रदान कर मूल परिवहन बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी। इस संबंध में सितंबर, 2019 में प्रेषित मसौदा रिपोर्ट में रेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दिए गए सभी सुझावों को शामिल करने के उपरांत हरियाणा सरकार ने 20 जुलाई, 2021 को परियोजना की डीपीआर को मंजूरी दे दी है। इसको लेकर इलाके के लोगों में एक खुशी की लहर है।
सांसद ने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की केंद्रीय रेल मंत्री के साथ हुई विभिन्न बैठकों में राज्य सरकार ने रेल मंत्रालय के साथ इस परियोजना के संबंध में विस्तृत बातचीत करते हुए इसे आगे बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित करनाल-यमुनानगर नई रेल लाइन दिल्ली-अंबाला रेलवे लाइन पर मौजूदा करनाल रेलवे स्टेशन से शुरू होगी और अंबाला-सहारनपुर रेलवे लाइन पर मौजूदा जगाधरी-वर्कशॉप रेलवे स्टेशन से जुड़ेगी। उन्होंने बताया कि करनाल, पानीपत और मध्य हरियाणा के अन्य हिस्सों को सीधा संपर्क प्रदान करते हुए यह नई लाइन पूर्वी डीएफसी के लिए एक फीडर मार्ग के रूप में कार्य करेगी, जिसमें कलानौर स्टेशन (यमुनानगर के साथ) पर रेलवे के साथ इंटरचेंज पाइंट होगा।

उन्होंने बताया कि अंबाला छावनी के रास्ते करनाल से यमुनानगर तक मौजूदा रेल मार्ग से दूरी 121 किलोमीटर है। उन्होंने बताया कि करनाल और यमुनानगर के बीच सडक मार्ग से दूरी 67 किलोमीटर है। इस प्रकार 64.6 किलोमीटर लम्बी यह प्रस्तावित नई रेलवे लाइन, इन दोनों शहरों के बीच सबसे छोटा लिंक प्रदान करेगी और यात्रियों के साथ-साथ माल ढुलाई के लिए यात्रा के समय को बहुत कम कर देगी। उन्होंने बताया कि परियोजना से प्रमुख लाभों में करनाल और यमुनानगर के बीच सीधी एवं त्वरित कनेक्टिविटी, यात्रियों के लिए त्वरित आवाजाही की सुविधा, क्योंकि यात्रा की दूरी 50 किलोमीटर कम हो जाएगी और इंद्री, लाडवा और रादौर जैसे ग्रामीण क्षेत्रों से कृषि उपज, प्लाईवुड एवं लकड़ी, औद्योगिक उत्पादों, धातु उद्योग, उर्वरकों आदि के लिए बाजार तक त्वरित पहुंच सुनिश्चित होना शामिल है।