- जिले को 6 ब्लॉक में बांटकर की जा रही एनीमिया टेस्टिंग, इंद्री ब्लॉक 95 प्रतिशत एनीमिया मुक्त
इशिका ठाकुर, करनाल:
करनाल के उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि करनाल जिला एनीमिया मुक्त होने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम निरंतर कार्य कर रही है। करनाल को 6 ब्लॉक में बांटकर बच्चों की एनीमिया टेस्टिंग की जा रही है। इसके साथ-साथ जिन बच्चों में एनीमिया के लक्षण मिल रहे हैं, उन्हें 3 महीने तक दवाई दी जा रही है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को तेजी से सभी ब्लॉक में एनीमिया टेस्टिंग करने के निर्देश दिए। उपायुक्त अनीश यादव बुधवार को लघु सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एनीमिया मुक्त को लेकर बैठक ले रहे थे।
बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उपायुक्त को समक्ष जानकारी दी कि इंद्री, घरौंडा, निसिंग, असंध, नीलोखेड़ी और करनाल अर्बन के छह ब्लॉक में एनीमिया टेस्टिंग का कार्य जारी है। अभी तक इंद्री, घरौंडा, निसिंग में टेस्टिंग का कार्य पूरा हो चुका है, नीलोखेड़ी ब्लॉक में टेस्टिंग जारी है। उपायुक्त अनीश यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नीलोखेड़ी, असंध और करनाल अर्बन में भी टेस्टिंग का कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
इंद्री ब्लॉक हुआ 95 प्रतिशत एनीमिया मुक्त
बैठक के दौरान सिविल सर्जन डॉ. योगेश शर्मा ने जानकारी दी कि इंद्री ब्लॉक में कुल 17,342 बच्चों में से 15041 बच्चों के खून की जांच की गई। इसमें 30 प्रतिशत बच्चे सामान्य, 50 प्रतिशत को मध्यम श्रेणी (मोडरेट एनीमिया), 18 प्रतिशत को हल्का (माइल्ड एनीमिया) और 1 प्रतिशत से भी कम को गंभीर एनीमिया मिला। सामान्य बच्चों को छोडक़र बाकि सभी को एनीमिया की गोलियां तीन महीने तक दी गई। अब इन बच्चों में से 600 बच्चों की दोबारा टेस्टिंग की गई तो 95 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे एनीमिया मुक्त मिले। जिन 5 प्रतिशत बच्चों में अभी सुधार नहीं हुआ है, उन्हें डॉक्टर के पास रेफर किया गया है। उपायुक्त अनीश यादव ने निर्देश दिए कि जिन बच्चों को दवाई देने के बाद भी एनीमिया की शिकायत है, स्वास्थ्य विभाग उन बच्चों का विशेषरूप से ख्याल रखे।
घरौंडा, निसिंग ब्लॉक में टेस्टिंग का कार्य हुआ पूरा
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि घरौंड़ा ब्लॉक के 15768 बच्चों में से 11462 की एनीमिया टेस्टिंग की गई। इनमें से 42 प्रतिशत सामान्य मिले जबकि 40 प्रतिशत को मध्यम श्रेणी (मोडरेट एनीमिया), 15 प्रतिशत को हल्का (माइल्ड एनीमिया) और 1 प्रतिशत से भी कम में गंभीर एनीमिया मिला। इसी तरह निसिंग ब्लॉक के 15899 छात्रों में से 15128 की एनीमिया टेस्टिंग की गई। इनमें स, इनमें से 50 प्रतिशत सामान्य मिले जबकि 31 प्रतिशत को मध्यम श्रेणी (मोडरेट एनीमिया), 18 प्रतिशत को हल्का (माइल्ड एनीमिया) और 1 प्रतिशत से भी कम में गंभीर एनीमिया मिला। इन ब्लॉक में छात्रों को आयरन की गोलियां वितरित कर दी गई है।
जहां बच्चों को दवाई दी जा चुकी है, वहां दोबारा की जाए टेस्टिंग
उपायुक्त अनीश यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन ब्लॉक में टेस्टिंग के बाद बच्चों को दवाई दी जा चुकी है, उनकी दोबारा टेस्टिंग की जाए। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दवाई के बाद कितने प्रतिशत बच्चे एनीमिया मुक्त हुए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को अतिरिक्त टीमें गठित करके इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉक्टर सतपाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी राजबाला, सीनियर ड्रग आफिसर गुरचरण सिंह, नीलम आर्य, डॉक्टर सरोज बाला, डॉक्टर लवीश व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
यह भी पढ़ें – मजदूरी करने गए एक युवक की सड़क हादसे में हुई मौत
यह भी पढ़ें –रामनगर करनाल में मेडिकल की दुकान पर ड्रग कंट्रोल ऑफिसर ने की रेड
यह भी पढ़ें – डॉक्टर एम.के.के.आर्य मॉडल स्कूल में ‘स्वच्छता स्वास्थ्य की कुंजी’ विषय पर ज्ञानवर्धक कार्यक्रम