करनाल: नल से जल योजना से कवर हरियाणा बनेगा पहला राज्य: सांसद

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sanjay bhatia
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प्रवीण वालिया, करनाल:
जल ही जीवन का महत्वपूर्ण संसाधान है, इसके बिना जीवन की नहीं की जा सकती कल्पना, जल को व्यर्थ न बहाएं। सांसद संजय भाटिया ने बताया कि प्रदेश में पेयजल आपूर्ति के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिए न केवल नहरी पानी की पर्याप्त उपलब्धता पर ध्यान दिया जा रहा है बल्कि हर घर तक नल से जल पहुंचाने की कवायद पर भी तेजी से कार्य हो रहा है। नल से जल योजना के अंतर्गत हरियाणा के आठ जिलों को पूर्ण रूप से कवर किया जा चुका है और शीघ्र ही सभी जिलों को कवर करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य होगा। अटल भूजल योजना के अंतर्गत हरियाणा के 1,669 गांवों में भूजल का स्तर दर्ज करने की दिशा में पीजोमीटर लगाए जाएंगे और जल के पूर्ण सदुपयोग की योजनाएं तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशनझ् के तहत सभी परिवारों को कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए तेजी से हो रहे कार्यों को देखते हुए केंद्र में हरियाणा सरकार की सराहना हुई है। इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा हरियाणा के लिए 1,119.95 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि जल जीवन मिशन के सफल क्रियान्वयन में हरियाणा देश के प्रथम तीन राज्यों में शामिल है।

सांसद ने कहा कि जल जीवन का महत्वपूर्ण संसाधन है। इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती, इसे व्यर्थ न बहाएं। पिछले कुछ दशकों से भूमिगत जल का दोहन अंधाधुंध हुआ है जिसकी वजह से धरती पर जल संकट खड़ा हो गया है। नीति आयोग के एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2030 तक जल संकट और विकट हो जाएगा। भारत में दिल्ली, चेन्नई, बंगलौर व हैदराबाद में पेयजल की सबसे अधिक समस्या है। कैपटाऊन में पेयजल राशन कार्ड में मिलने लगा है। जल संरक्षण पर दीर्घकालीन योजनाएं बन रही हैं लेकिन आम आदमी इनके प्रति गंभीर नहीं है। जितना संभव हो सके पानी बचाना होगा वरना आक्सीजन संकट की तरह जल संकट से जूझना पड़ सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि गत दिनों मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जल विषय पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के साथ मुलाकात करके महाग्राम योजना के अंतर्गत आने वाले 130 गांवों में 55 लीटर की अपेक्षा 130 लीटर प्रति व्यक्ति की दर से पेयजल तथा सीवरेज सुविधा उपलब्ध करवाने की दिशा में राज्य के प्रत्येक महाग्राम के लिए 25 करोड़ रुपए की दर से कुल 3,250 करोड़ रुपए उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को दिया है।
जल संरक्षण के प्रति सजगता
सांसद संजय भाटिया ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जल संरक्षण व फसल विविधिकरण के प्रोत्साहन के लिए बीते वर्ष चलाई गई मेरा पानी-मेरी विरासतझ् योजना के सकारात्मक परिणाम अब सामने आने लगे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की दूरदर्शी सोच से बनी महत्त्वपूर्ण योजना के तहत 7,000 रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि व जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ी है। गिरते भूजल स्तर पर चिंता जाहिर करते हुए सांसद ने कहा कि आज हरियाणा के 36 खण्ड डार्क  जोन में आ चुके हैं। अगर जल संरक्षण के प्रति आज सजगता नहीं बरती गई तो भविष्य में स्थिति भयावह हो सकती है। बीते वर्ष भी राज्य की 95 हजार एकड़ भूमि में धान की बजाए कम पानी से होने वाली फसलों की खेती की गई थी। प्रदेश में ‘मेरा पानी-मेरी विरासतझ् योजना के तहत एक लाख 13 हजार 885 किसान अब तक एक लाख 26 हजार 928 हैक्टेयर में धान की बजाए अन्य कम लागत वाली फसलों की खेती कर रहे हैं।
गहराता जल संकट
सांसद ने कहा कि सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के मुताबिक प्रदेश के 22 जिलों में से 14 जिलों में भूजल दोहन से उत्पन्न समस्या ने विकाराल रूप ले लिया है। सात जिलों में जल भराव तथा जलीय लवणता की समस्या है। भूजल दोहने के कारण वर्ष 2004 में राज्य के 114 ब्लॉक में से 55 ब्लॉक रेड जॉन में आ चुके थे जो करीब 48 फीसद थे। 2020 में 141 ब्लॉक में 85 ब्लॉक रेड जॉन में पहुंच गए जो 60 प्रतिशत हैं। इसलिए किसानों को चाहिए कि भूजल की निर्भरता कम की जाए और फसल विविधितता को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि आज नदियों की धारा कमजोर पड़ चुकी हैं, अनेक बिंदुओं पर तो धाराओं के केवल निशान बचे हैं। 55 फीसद कुएं सूख चुके हैं। तालाब तालाब नहीं रहे, बावड़ी व अन्य जलाशय भी निरंतर सूखते जा रहे हैं। बढ़ती गर्मी से यह समस्या और गंभीर होती जा रही है। खेती के ट्द्दयूबवैलों के अलावा घर-घर लग चुके और लग रहे सबमर्सिबलों ने भूजल का पूरी निर्ममता से दोहन किया है।
हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण
प्रदेश में जल संसाधनों के संरक्षण, प्रबंधन और विनियमन के लिए हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण का गठन किया गया है। प्राधिकारण के पास सतही जल, भूजल और संशोधित व्यर्थ पानी सहित जल संसाधनों के संरक्षण, प्रबंधन और विनियमन की जिम्मेवारी होगी, जिसका अधिकार क्षेत्र समस्त राज्य होगा।