करनाल: डीसी से वीसी कर जल संरक्षण के बारे में जागरूक करने पर जोर

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प्रवीण वालिया, करनाल: 
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को प्रदेश के उपायुक्तों के साथ जल शक्ति अभियान विषय पर विडियो कॉन्फैंसिंग कर जल संरक्षण, रेन वाटर हार्वेस्टर, जल स्त्रोतों का नवीकरण, बोरवेल का पुर्नप्रयोग, सघन पौधारोपण और आई.ई.सी. गतिविधियों के लक्ष्य पूरा करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आगामी 3 अगस्त को प्रदेश के मुख्य सचिव इसी विषय पर सभी जिलों के साथ टारगेट और उसमें प्राप्ति को लेकर समीक्षा करेंगे। बेहतर होगा तब तक दिए गए लक्ष्यों को पूरा कर लें। ए.सी.एस. ने कहा कि सिंचाई विभाग की ओर से प्रदेश के लिए जल संरक्षण योजना बनाई जा रही है। आगामी 31 जुलाई तक इसे मुकम्मल करना है, इसमें जल संचयन के लिए जिलों में किए जा रहे काम और भविष्य की योजनाओं को ध्यान में रखकर सभी बिन्दू शामिल किए जाएंगे। वी.सी. में ए.सी.एस. ने उपायुक्तों के जिलावार सुझाव पर उपरोक्त लक्ष्यों में संशोधन किया, लेकिन कहा कि अगली मीटिंग तक इनमें अच्छी-खासी प्रगति दिखनी चाहिए।
उन्होंने सभी उपायुक्तों से कहा कि हर गांव में कृषि विभाग की ओर से जल के महत्व और संरक्षण विषय पर गोष्ठियां की जाएं। इसी प्रकार कृषि विज्ञान केन्द्र गांवो में कृषि मेले लगाकर लोगों को जागरूक करें। हर पखवाड़े में जल संरक्षण पर कम से कम एक सफलता की कहानी हर जिले से प्रकाशित होनी चाहिए। आई.ई.सी. गतिविधियों के तहत पौधागिरी को बढ़़ावा देने के लिए अधिक से अधिक स्कूली बच्चों को इससे जोड़ा जाए। गांव व शहरों में प्रभात फेरी निकाली जाएं। इसी प्रकार तरू यात्रा, नुक्कड़ नाटक और रेडियो जिंगल से लोगों को जागरूक किया जाए। करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार यादव की ओर से जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव कुमार वी.सी. में उपस्थित हुए। उन्होंने ए.सी.एस. को बताया कि करनाल जिला में परम्परागत जल श्रोतों के पुर्ननिर्माण और उनकी गाद निकालने के लिए 124 तालाबों का लक्ष्य रखा गया था। इनमें जून अंत तक 69 तालाबों पर काम किया जा चुका है। इसी प्रकार जिला में एक हजार सोखते गढ्ढे बनाने के लक्ष्य के पीछे 750 बनाए जा चुके हैं।
अभी इन पर काम चल रहा है। यह कार्य मनरेगा और स्वच्छ भारत मिशन के तहत करवाया जा रहा है। सीईओ ने बताया कि वन विभाग की ओर से उपलब्ध करवाए गए एक लाख 90 हजार पौधे लगाए जा चुके हैं, इनमें मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन और पंचायतें शामिल हैं। पौधारोपन कार्यक्रम को सोमवार से शुरू हो रहे वन महोत्सव के बाद ओर अधिक बढ़ाया जाएगा। सिंचाई विभाग के बोरवेल की सफाई करके उन्हें वाटर रिचार्जिंग के योग्य बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त सरकारी व निजी ऐसे सभी भवन जिनका एरिया 100 वर्गमीटर से ज्यादा है, उनमें 85 रेन वाटर हार्वेस्टर बनाए गए हैं। नगर निगम द्वारा 48 और स्मार्ट सिटी मिशन की ओर से 32 रेन वाटर हार्वेस्टर बनवाए गए हैं। वी.सी. में सिंचाई विभाग के एस.ई. संजय राहड़, एच.एस.वी.पी. के एक्स.ई.एन. धर्मवीर सिंह, वन मण्डल अधिकारी नरेश रंगा, महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी राज बाला, पी.डब्ल्यू.डी. बी. एंड आर. के एक्स.ई.एन. राज कुमार नैन तथा नगर निगम एम.ई. सुनील भल्ला भी मौजूद रहे।