करनाल: बालिकाओं को शिक्षित करना एक अच्छे जीवन के सुधार में सहायता करता है: सुश्री जसबीर 

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प्रवीण वालिया,करनाल:
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-सह-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुश्री जसबीर ने छात्राओं में जागरूकता पैदा करने के लिए राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, रेलवे रोड, करनाल का दौरा किया। उन्होंने बताया कि हमारा समाज अभी भी लैंगिक समानता और इसके विषम लिंगानुपात को प्राप्त करने से बहुत दूर है। हमारे समाज में एक बालिका को अक्सर एक दायित्व, एक बोझ के रूप में देखा जाता है। पितृसत्तात्मक मूल्यों के प्रचलित प्रभाव को देखते हुए,उनके जन्म से ही, बहुत सी लड़कियों को लैंगिक असमानता, लैंगिक रूढिय़ों का खामियाजा भुगतना पड़ता है और लडक़ों की तुलना में उनके साथ हीन व्यवहार किया जाता है। सीजेएम ने बताया कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह कितनी प्रतिभाशाली और महत्वाकांक्षी है, बालिका को अक्सर छड़ी का छोटा सिरा मिलता है। शोषण और दुव्र्यवहार के डर से कई लड़कियों को स्कूल नहीं भेजा जाता है और घर पर ही रखा जाता है ताकि जल्दी शादी की जा सके और यहां तक कि अगर उसकी शादी नहीं हुई है, तब भी युवा लडक़ी को एक योग्य शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा, रोजगार के अवसर और समान अधिकार से वंचित रखा जाता है। जो एक लडक़े को आसानी से मिल जाता है।
बालिकाओं को शिक्षित करना एक अच्छे जीवन के सुधार में सहायता करता है। लडक़ी पढ़ सकती है और अपने अधिकारों के बारे में जान सकती है। शिक्षित लड़कियां महत्व और स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में जागरूकता लाती हैं। बालिकाओं को शिक्षित कर वे स्वस्थ जीवन शैली अपना सकती हैं। महिला परिवार में पत्नी, साथी, आयोजक, प्रशासक, निदेशक, पुनर्रचनाकर्ता, संवितरणकर्ता, अर्थशास्त्री, माता, अनुशासक, शिक्षक, स्वास्थ्य अधिकारी, कलाकार और रानी की भूमिका एक साथ निभाती है। इसके अलावा, महिला समाज के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस अवसर पर लड़कियों को बताया गया कि यदि उनके आसपास कोई हिंसा होती है और किसी भी अधिकार का उल्लंघन होता है तो वे किसी भी कार्य दिवस में डीएलएसए के टोल फ्री नम्बर 0184-2266138 पर संपर्क कर सकते हैं। इस अवसर पर जिला विज्ञान विशेषज्ञ, शिक्षा विभाग करनाल डॉ. सुशील, प्राचार्य महेन्द्र नरवाल, रेखा रानी, लेक्चरर बायोलॉजी, गणित विशेषज्ञ मोहन लाल मुंजाल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।