कुछ विचाराधीन महिला कैदियों व अन्य कैदियों ने बताया कि परिवार के सदस्यों के साथ साक्षात्कार की अनुमति दी जानी चाहिए। इस संबंध में यह सुझाव दिया गया कि करनाल जिले की जिला स्तरीय निगरानी समिति की आगामी बैठक में इस मामले को उठाया जा सकता है। अधीक्षक जिला कारागार करनाल अमित भादु ने बताया कि आज की स्थिति में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण करनाल एवं स्वास्थ्य विभाग करनाल के सहयोग से 18 से 44 वर्ष और 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी पात्र कैदियों व विचाराधीन कैदियों को कोविड वैक्सीन की पहली खुराक का टीका लगाया गया है। अधीक्षक जिला कारागार करनाल को आगे यह भी निर्देश दिया गया कि सभी कैदियों व विचाराधीन कैदियों का टीकाकरण सुनिश्चित करें और यदि कोई कैदी व विचाराधीन कैदी को अभी भी टीका नहीं लगाया गया है, जो टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों के भीतर आता है तो उसे स्वैच्छिकता के संबंध में चिकित्सा अधिकारी कानूनी सहायता परामर्शदाता द्वारा उनकी सहमति से प्रमाणित करने के बाद टीका लगवाने की व्यवस्था करें।
प्रवीण वालिया, करनाल :
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं सचिव, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण करनाल सुश्री जसबीर ने मासिक निरीक्षण के लिए मंगलवार को जिला कारागार औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय जेल अधीक्षक अमित भादु, अशोक कंबोज एवं सुश्री सैलाक्षी भारद्वाज उपाधीक्षक उपस्थित रही। इस दौरान सीजेएम ने विचाराधीन महिला कैदियों व अन्य कैदियों का व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से साक्षात्कार लिया गया तथा जेल प्रशासन से भी पूछताछ की गई। उन्हें दी जा रही सुविधाओं के संबंध में कोई मौखिक शिकायत नहीं थी। कैदियों को उनके अधिकारों के बारे में अवगत कराया गया और उनको बताया गया कि यदि उनके पास अपने केस को डिफेन्ड करने के लिए वकील नहीं है तो वे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से मुफ्त वकील ले सकते हैं ताकि वे न्यायालय में उनके केस की पैरवी कर सकें। इसके अलावा जेल परिसर का भी निरीक्षण किया गया जोकि साफ-सुथरा पाया गया ।