खट्टर गुट की लाडवा भेजने की लॉबिंग, सैनी यहीं से लड़ने पर अड़े
Karnal News (आज समाज) करनाल: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच करनाल सीट को लेकर सीएम नायब सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर समर्थकों के बीच घमासान मचा हुआ है। सीएम सैनी इसी सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन खट्टर समर्थक उन्हें दूसरी सीट पर जाने का जोर डाल रहे हैं। इसी वजह से उनके सीट बदलने की चर्चाओं को भी खूब गमार्या जा रहा है। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली तक कूद चुके हैं। खट्टर गुट के सूत्रों के मुताबिक अगर सैनी यहां से लड़े तो कई लोकल नेताओं का पॉलिटिकल करियर आगे नहीं बढ़ पएएगा। इसलिए वे लोकल चेहरे की लॉबिंग में जुटे हैं। खट्टर गुट यह भी दावा कर रहा है कि पार्टी ने करनाल में जो सर्वे कराया था, उसके हिसाब से सीएम सैनी के लिए यह सीट सुरक्षित नहीं है। इसके बजाय वह लाडवा से आसानी से चुनाव जीत सकते हैं।
नायब सैनी बाहरी उम्मीदवार
नायब सैनी अंबाला के नारायणगढ़ के रहने वाले हैं। हालांकि जब उन्हें सीएम बनाया गया तो 6 महीने के भीतर विधायक चुना जाना जरूरी था। इसलिए उन्हें मनोहर लाल खट्टर की जगह करनाल सीट से लड़ाया गया। वह जीत गए लेकिन उट होने की वजह से उन्हें बैनिफिट मिला। अब चूंकि विधानसभा चुनाव हैं तो खट्टर गुट यह दावा कर रहा है कि करनाल के लिए नायब सैनी बाहरी उम्मीदवार हैं। इससे पार्टी को नुकसान हो सकता है।
पंजाबी वोटर ज्यादा, ओबीसी कम
करनाल में करीब 63 हजार पंजाबी समाज के वोट हैं। जिनके आधार पर मनोहर लाल खट्टर यहां से 2 बार विधायक बने। नायब सैनी सैनी ओबीसी समाज से आते हैं। जिनका करनाल में वोट बैंक मात्र 5800 के करीब है। जातीय समीकरण भी इस सीट पर सैनी के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होगा। इसी वजह से खट्टर खेमा सैनी को लाडवा से चुनाव लड़ने के लिए दबाव बना रहा है।
बाहरी विधायक पर नाराजगी
खट्टर ग्रुप कह रहा है कि पिछले 10 सालों से करनाल में बाहरी विधायक बनता आ रहा है, जिससे स्थानीय नेताओं में नाराजगी है। यह नाराजगी लोकसभा चुनाव के दौरान खुलकर सामने आई थी। भाजपा के वरिष्ठ नेता अशोक सुखीजा और शमशेर नैन ने खुलकर विरोध किया। शमशेर नैन ने उपचुनाव में नायब सैनी के खिलाफ नामांकन दाखिल किया था, हालांकि बाद में सैनी ने उन्हें मना लिया। स्थानीय नेताओं में बाहरी उम्मीदवारों के प्रति असंतोष अब भी कायम है, जो सैनी के लिए चुनौती साबित हो सकता है।
नायब सैनी के लिए क्यों सेफ सीट लाडवा
लाडवा विधानसभा को नायब सैनी के लिए सुरक्षित सीट के रूप में देखा जा रहा है। इस विधानसभा में 1 लाख 95 हजार से ज्यादा वोट हैं। जिसमें 50 हजार वोट जाट समाज की हैं। इसके अलावा सैनी समाज के 47 हजार से ज्यादा वोट हैं। 90 हजार से ज्यादा OBC वर्ग के वोट हैं। OBC वर्ग और खास तौर पर सैनी समुदाय के वोट बैंक की वजह से यह सीएम के लिए फेवरेट सीट मानी जा रही है।
करनाल सीट के प्रमुख दावेदार खट्टर खेमा की रणनीति
करनाल सीट पर खट्टर खेमा के कुछ प्रमुख दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं। जिनमें पूर्व मेयर रेणु बाला गुप्ता, अशोक सुखीजा, मुकेश अरोड़ा, और जगमोहन आनंद शामिल हैं। खट्टर खेमा इनमें से किसी एक को टिकट दिलवाकर इस सीट पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहता है। खट्टर खेमे का मानना है कि एक स्थानीय उम्मीदवार से जनता की अपेक्षाएं पूरी होंगी और पार्टी को मजबूती मिलेगी।