- मतदान केंद्र में हथियार लेकर आने पर 2 साल की कैद की सजा का प्रावधान,
- मतपत्र या ईवीएम पर लगे आधिकारिक चिन्ह को धोखाधड़ी से नष्ट करने पर 2 साल तक की सजा का प्रावधान
Aaj Samaj (आज समाज),Karnal Assembly By-Election,प्रवीण वालिया, करनाल: उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी उत्तम सिंह ने कहा कि जिला में लोकसभा आम चुनाव 2024 तथा करनाल विधानसभा उपचुनाव हेतु 25 मई को मतदान होगा। इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इन चुनावों को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न करवाने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों को कुछ आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इन आदेशों के अनुसार किसी भी व्यक्ति, अधिकारी व कर्मचारी को आदर्श आचार संहिता की उल्लंघना नहीं करने दी जाएगी।
उन्होंने जारी आदेश में कहा है कि करनाल लोकसभा क्षेत्र में मतदान के दौरान प्रिजाइडिंग ऑफिसर और अन्य स्टाफ मोबाइल रख सकता है लेकिन मोबाइल को साइलेंट मोड पर रखना होगा। अगर किसी पीओ या स्टाफ को बात करनी है तो पोलिंग बूथ से बाहर आकर बात कर सकता है, बूथ लेवल ऑफिसर को पोलिंग बूथ से बाहर रुकना होगा। वह मोबाइल ले जा सकते हैं पर उसे स्विच ऑफ या बंद रखना होगा, पोलिंग बूथ की 100 मीटर की परिधि में कैंपेन से संबंधित पोस्टर और बैनर लगाने पर प्रतिबंध रहेगा।
उन्होंने कहा कि पोलिंग स्टेशन की 100 मीटर की परिधि में किसी भी तरह का शोर-शराबा करने पर प्रतिबंध रहेगा, पोलिंग बूथ के अंदर सुरक्षाकर्मी को ले जाने की अनुमति नहीं रहेगी लेकिन जेड प्लस सिक्योरिटी वाले व्यक्ति को अपने साथ साधारण कपड़ों में एक सुरक्षाकर्मी को अपने साथ ले जाने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि मतदान केंद्र की 100 मीटर की परिधि में किसी अन्य व्यक्ति को मोबाइल फोन, कॉर्डलेस फोन, वायरलेस सेट (ड््यूटी पर तैनात अधिकारियों को छोडक़र) ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि मतदान केंद्र के अंदर यदि किसी व्यक्ति का आचरण सही नहीं है या पीठासीन अधिकारी के आदेशों की अवहेलना करता है तो उसे ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मचारी द्वारा मतदान केंद्र से बाहर निकाल दिया जाएगा। उसके बाद भी यदि वह व्यक्ति पीठासीन अधिकारी की अनुमति के बिना मतदान केंद्र में पुन: प्रवेश करता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 132 के तहत उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और 3 माह की जेल या जुर्माना या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं।
मतदान केंद्र में हथियार लेकर आने पर 2 साल की कैद की सजा का प्रावधान
उपायुक्त उत्तम सिंह ने कहा कि रिटर्निंग अधिकारी, प्रिजाइडिंग अधिकारी, पुलिस ऑफिसर या कोई अन्य व्यक्ति जिसे मतदान केंद्र के अंदर शांति और व्यवस्था कायम रखने हेतु ड्यूटी पर तैनात किया गया हो, उन्हें छोडक़र यदि कोई व्यक्ति हथियार के साथ मतदान केंद्र में आता है तो उसे एक अपराध माना जाएगा। इसके लिए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 134 बी के तहत 2 साल की कैद या जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं। यदि प्रिजाइडिंग ऑफिसर को किसी कारणवश लगता है कि किसी व्यक्ति ने बैलेट पेपर या ईवीएम को मतदान केंद्र से बाहर ही हटाया या निकाला है तो वह उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है या पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार करने निर्देश दे सकता है या उसे ढूंढने के निर्देश दे सकता है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135 के तहत उस व्यक्ति को एक साल की कैद या जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं।
मतपत्र या ईवीएम पर लगे आधिकारिक चिह्न को धोखाधड़ी से नष्ट करने पर 2 साल तक की सजा का प्रावधान
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 136 के तहत चुनाव प्रतिबद्धता की दृष्टि से अपराध करने हेतु यदि कोई व्यक्ति किसी मतपत्र या ईवीएम या किसी मतपत्र या ईवीएम पर लगे आधिकारिक चिह्न को धोखाधड़ी से विरूपित या नष्ट कर देता है या किसी मतपेटी में मतपत्र के अलावा कुछ भी डाल देता है, या प्रतीक/नाम/पर कोई कागज, टेप आदि चिपका देता है। इस स्थिति में यदि यह अपराध चुनाव ड्यूटी पर तैनात किसी अधिकारी या क्लर्क द्वारा किया जाता है तो 2 साल की कैद या जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 136 के तहत चुनाव प्रतिबद्धता की दृष्टि से अपराध करने हेतु यदि कोई व्यक्ति किसी मतपत्र या ईवीएम या किसी मतपत्र या ईवीएम पर लगे आधिकारिक चिह्न को धोखाधड़ी से विरूपित या नष्ट कर देता है या किसी मतपेटी में मतपत्र के अलावा कुछ भी डाल देता है, या प्रतीक/नाम/पर कोई कागज, टेप आदि चिपका देता है। इस स्थिति में यदि यह अपराध चुनाव ड्यूटी पर तैनात किसी अधिकारी या क्लर्क द्वारा किया जाता है तो 2 साल की कैद या जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं।
यदि यह अपराध किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किया जाता है तो उसे 6 माह की कैद या जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति किसी सरकारी अधिकारी को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए स्वेच्छा से साधारण या गंभीर चोट पहुंचाता है या हमला करता है तो उसे भारतीय दण्ड संहिता की धारा 332, 333 व 353 के तहत 2 साल से 10 साल की कैद और जुर्माना लगाया जाएगा।
यह भी पढ़ें: