प्रवीण वालिया, करनाल
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-एवं-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, करनाल सुश्री जसबीर ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण इन दिनों न्यायालयों में सिर्फ आवश्यक और गंभीर मामलों में ही सुनवाई की जा रही है। इससे अदालतों पर जहां नए मामलों का बोझ बढ़ रहा है, वहीं सुनवाई लंबित होने से न्याय की राह भी लंबी हो रही है। इसका समाधान निकालते हुए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने सुलह समझौते से हल होने वाले मामलों को नैशनल लोक अदालत के माध्यम से करने की योजना के तहत जिला एवं सत्र न्यायाधीश-एवं-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, करनाल जगदीप जैन के कुशल मार्गदर्शन में सैशन डिवीजन, करनाल में नैशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। करनाल सेशन डिविजन में इस लोक अदालत में 3076 केसों को निपटारे के लिए रखा गया जिसके लिए 8 बेंचो का गठन किया गया। सीजेएम ने बताया कि नैशनल लोक अदालत में दुर्घटना के दावे, चेक बाउंस, बैंक वसूली, नागरिक विवादों से संबंधित और जिनमें सार्वजनिक उपयोगिता सेवाएं भी शामिल हैं और यहां तक कि घरेलू हिंसा अधिनियम आदि से संबंधित कंपाउंडेबल अपराधों के आपराधिक मामलों को लिया गया। उन्होंने बताया कि 3076 केसों को लिया गया था, जिनमें से 504 को सत्रीय प्रभाग, करनाल में लोक अदालत में पारस्परिक रूप से निपटाया गया। लोक अदालत में निपटान की राशि 5 करोड़ से अधिक थी।