प्रवीण वालिया, घरौंडा/करनाल :
घरौंडा के विधायक हरविन्द्र कल्याण ने बताया कि फसल अवशेष जलाने से उत्पन्न प्रदूषण को रोकने के लिए फसल अवशेष प्रबंधन के उपकरणों पर किसान को 50 प्रतिशत तथा कस्टम हायरिंग सेंटर्स को 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पराली न जलाने व पराली के उचित प्रबंधन के लिए पराली की गांठ बनाने पर 1000 रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि का प्रावधान है। रेड जोन क्षेत्र में स्थित गांव में पराली न जलाने पर पंचायत को 10 लाख रुपए तक नकद पुरस्कार दिया जा रहा है। सरकार के प्रयासों से पराली जलाने के मामलों में 60-70 प्रतिशत तक की कमी आई है। उन्होंने बताया कि पराली का उपयोग बिजली बनाने में करने के लिए कुरूक्षेत्र, कैथल, फतेहाबाद एवं जींद में 49. 08 मेगावाट क्षमता की बायोमास परियोजनाएं स्वीकृत की।