- अपनी जेब में एक गीता रखते है और दिन में किसी एक को ये गीता जरूर देते है
- अब तक करीब 25 हजार गीता बांट चुके है
जीयो गीता संस्था के पानीपत की कोर टीम के सदस्य है कंवर रवींद्र सैनी
तत्सस्वयं योगसंसिद्धः कालेनात्मनि विन्दति॥
अर्थात इस संसार में ज्ञान के समान पवित्र करने वाली कोई वस्तु नहीं है। जिसने योग में पूर्णता प्राप्त कर ली है, वह समय के साथ इसे अपने भीतर ही पा लेता है। इस भाव को कंवर रवींद्र सैनी ने महसूस किया जब वृंदावन में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के सत्संग में गए थे। तब उन्हें गीता प्रेरणा पुस्तक पढ़ने को मिली। इस पुस्तक को पढ़ने के साथ ही उन्होंने ठान लिया कि यह श्रीमद्भगवद्गीता का वितरण करेंगे। गत वर्ष गीता महोत्सव के दौरान उन्होंने 1830 गीता का वितरण किया। लोग इन्हें गीता वाले कंवर रवींद्र सैनी कहने लगे है। जीयो गीता संस्था के पानीपत की कोर टीम के सदस्य है। रवींद्र सैनी दीपावली पर गीता का ही उपहार सभी को देते हैं। घर-घर जाते हैं, उपहार स्वरूप यही देकर आते हैं। कहकर भी आते है कि इसे पढ़ना और आत्मसात भी करना है। रवींद्र सैनी ने बताया कि एक राजदूत को उन्होंने संस्कृत और हिंदी लिखित गीता भेंट की थी। बाद उन्होंने अंग्रेजी लिखित गीता मांगी तो उन्हें उपलब्ध कराई।
ऑल इंडिया सैनी सेवा समाज के जिला अध्यक्ष
मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिली गीता साथ रखने की प्रेरणा
46 वर्षीय कंवर रविंद्र सैनी ने बताया कि यह कुरुक्षेत्र में स्वामी ज्ञानानंद का सत्संग सुनने गए थे। यहां पर मुख्यमंत्री मनोहरलाल भी थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपनी जेब में गीता रखते है। उस दिन से ये विचार आया कि क्यों न यह भी जेब में गीता रखें। उन्होंने छोटे आकार की गीता मंगाई। पॉकेट में रखने लगे। संकल्प लिया कि दिन में एक गीता का वितरण जरूर करेंगे। रवींद्र सैनी की धर्मपत्नी शिखा सैनी है। बेटी युविका दसवीं और बेटा युवराज तीसरी क्लास में पढ़ता है। युवराज को गीता के कई श्लोक कंठस्व है। संयुक्त परिवार में मां सरोज, छोटा भाई अधिवक्ता यतींद्र सैनी उर्फ टाइगर है।