देश में कोरोना काल अपनी विकरालता दिखा रहा है। चारों ओर अफरा तफरी का माहौल है। हर ओर से तनाव, परेशानियांऔर दिक्कतों की खबरेंही आ रही हैं। इन सबकेबीच देश की लिए अपनी जान गंवानें वाले देश के मान के लिए बहादुरी से लड़तेहुए देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले वीर अब्दुल हमीद के पुत्र को भी आक्सीजन नहीं मिल पाने के कारण अपनी जान गवानी पड़ी। कानपुर के मसवानपुर के गन शहीदा कब्रिस्तान में उनको सुपुर्द ए खाक किया गया। उनके बेटे शाहनवाज आलम नेजानकारी दी कि गुरुवार रात नौ बजे आॅक्सीजन का सिलिंडर खत्म हो गया था। अस्पताल के डाक्टरों ने आक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था खुद करने को कहा जिसके बाद हम सिलिंडर रिफिल कराने को भटक ही रहे थे। लेकिन इसके पहले ही अली हसन की मृत्यु हो गई। बता देंकि अली हसन 1965 भारत-पाक युद्ध के दौरान वीरगति पाने वाले परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के बेटे थे। अली हसन (65) की शुक्रवार तड़के तीन बजे आॅक्सीजन न मिलने से मौत हो गई। वह बुधवार से हैलट इमरजेंसी में भर्ती थे। वह कोविड से पीड़ित थे और उनको सांस लेने में तकलीफ थी। परिजनों ने आरोप लगाया कि हैलट में सही इलाज नहीं मिला। परिवार में पत्नी फरीदा नसरीन, बेटा सलीम जावेद, तनवीर और बेटियां राबिया, सलमा और गजाला हैं। इनका निवास मसवानपुर में हैं। यह 2016 में ओएफसी से सेवानिवृत्त हुए थे। इनकी मौत पर शहीद वीर अब्दुल हमीद सोशल वेलफेयर आगेर्नाइजेशन के अध्यक्ष डॉ. निसार अहमद सिद्दीकी ने शोक जताया।