मुंबई में बीएमसी द्वारा बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के आफिस को तोड़ा गया था। जिसके बाद कंगना रनौत ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिस पर बाद में कोर्ट ने बीमएसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। इस मामले की सुनवाईके समय हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि क्या बीएमसी इतनी की तेजी से अन्य मामलों में भी कार्रवाई करती है। दरअसल कंगना रनौत ने सुशांत सिंह की मौत के बाद खुलकर अपने बयान दिए थे। उन्होंने बॉलीवुड ड्रग्स मामले पर भी बॉलीवुड की पोल खोली थी। साथ ही उनका वाक युद्ध शिवसेना के संजय राउत के साथ भी हो रहा था। मामले ने तूल पकड़ लिया जब बीएमसी नेकंगना रनौत के आॅफिस में कार्रवाई की थी। बता दें कि बीएमसी में शिवसेना काबिज है। जिससे इसे बदले की कार्रवाई कहा जा रहा था। हालांकि कोर्ट ने मामले में बीएमसी को फटकार लगाई थी। अब बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के साथ ही आदेश को फिलहाल सुरक्षित रख लिया गया है। कोर्ट को सूचित किया गया है कि इस केस से जुड़े सभी पक्षों ने अपना पक्ष लिखित में रखा है न्यायमूर्ति एस जे कथावाला और न्यायमूर्ति आर आई चागला की पीठ नौ सितंबर को बीएमसी द्वारा कंगना के बंगले के हिस्से को ध्वस्त करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।