Emergency Movie Update News, (आज समाज), मुंबई: विवादों में घिरी बीजेपी सांसद और बालीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। फिल्म की को-प्रोड्यूसर कंपनी जी इंटरटेनमेंट इंटरप्राइजेज ने सेंसर सर्टिफिकेट की मांग को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि सेंसर बोर्ड ने मनमाने ढंग और अवैध रूप से फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेट रोका है।
कोर्ट ने सीबीएफसी को लगाई फटकार
हाईकोर्ट ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को जल्दबाजी में फिल्म के लिए सर्टिफिकेट जारी करने और सिस्टम जनरेटेड ईमेल को लेकर फटकार लगाई है। जस्टिस बी पी कोलाबावाला और फिरदोश पूनीवाला की खंडपीठ ने कहा, हम आपके साथ हैं, हमें समझ में नहीं आता कि कुछ समूह बिना फिल्म देखे कैसे जान जाते हैं कि फिल्म आपत्तिजनक है।
जी इंटरटेनमेंट के वकील धोंड की दलील
कोर्ट ने सीबीएफसी के वकील से पूछा, क्या आपके अधिकारियों ने शुरू से मूवी देखी और प्रमाण पत्र दिया तो उन्होंने अपने दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया? पीठ ने उस अधिकारी को फटकार लगाई? वहीं, जी इंटरटेनमेंट के वकील धोंड ने बताया कि प्रमाणपत्र जारी किया गया था, पर फिर रोक लगा दी। वह कह रहे हैं कि प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया।
सीबीएफसी के 29 अगस्त के ईमेल का हवाला दिया
जी इंटरटेनमेंट जो कि इमरजेंसी फिल्म के प्रोड्यूसर हैं, के वकील ने कोर्ट के सामने सीबीएफसी के 29 अगस्त ईमेल का हवाला दिया। इस पर कोर्ट ने सीबीएफसी को फटकार लगाते हुए पूछा, आप सिस्टम जनरेटेड ईमेल कैसे भेज सकते हैं? आप इसे रोक क्यों नहीं सकते। मणिकर्णिका फिल्म के मालिक मौजूदा सांसद हैं, उन्होंने हमें बताया कि वे संशोधन के लिए फिर से आवेदन करेंगे और इसलिए हमें सिस्टम जनरेटेड ईमेल भेजा गया था।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीएफसी से पूछा कि आपने लंबित कार्यवाही के बारे में मध्य प्रदेश कोर्ट को क्यों नहीं बताया। मध्य प्रदेश कोर्ट ने सीबीएफसी द्वारा दिए बायान को स्वीकार कर लिया है कि उसने अभी तक फिल्म को कोई प्रमाणपत्र नहीं दिया है और कहा है कि सेंसर बोर्ड को अभ्यावेदन पर विचार करना होगा।