Former Haryana CM Om Prakash Chautala Passed Away: चौटाला राज में हुआ कंडेला कांड, पुलिस की गोलियों से मारे गए 8 किसान

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Former Haryana CM Om Prakash Chautala Passed Away: चौटाला राज में हुआ कंडेला कांड, पुलिस की गोलियों से मारे गए 8 किसान
Former Haryana CM Om Prakash Chautala Passed Away: चौटाला राज में हुआ कंडेला कांड, पुलिस की गोलियों से मारे गए 8 किसान

बिजली बिल माफ करने को लेकर आंदोलन कर रहे थे किसान
Former Haryana CM Om Prakash Chautala Passed Away (आज समाज) चंडगढ़: पूर्व उप-प्रधानमंत्री स्वर्गीय देवीलाल के बेटे व हरियाणा के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला का 20 दिसंबर को निधन हो गया। चौटाला ने अपने राजनीतिक जीवन में बहुत से उतार-चढ़ाव देखे। चौटाला अपने फैसलों की वजह से विवादों से घिरे रहे। एक ऐसी ही घटना हम आपको बता रहे है। जिसने चौटाला को सत्ता से बेदखल कर दिया।

बिजली बिल माफी का नारा देकर सत्ता में आए थे चौटाला

बात साल 2002 की है। हरियाणा में किसानों ने बिजली बिल माफ करने के लिए आंदोलन किया था। ओम प्रकाश चौटाला 2000 में मुख्यमंत्री बने। वे बिजली के बिल माफी का नारा देकर सत्ता में आए, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद सरकार लोगों पर बिजली के बिल भरने के लिए दबाव बनाने लगी। इसके चलते आंदोलन शुरू किया। लोगों ने फैसला लिया कि कोई भी बिल नहीं भरेगा, यदि बिजली अधिकारी कनेक्शन काटने आते हैं तो उनका विरोध होगा। कंडेला गांव में आंदोलन का मंच तैयार हुआ।

कंडेला सहित पांच गांवों की काटी बिजली

इस पर सरकार ने कंडेला सहित पांच गांवों की मुख्य लाइन ही पावर हाउस से कटवा दी। लोगों ने रोड जाम कर दिया। इसके बाद कंडेला में फायरिंग हुई, लेकिन इसमें कोई जान-माल की हानि नहीं हुई। इसके बाद नगूरां व गुलकनी गांव में फायरिंग हुई। इसमें 8 किसानों की मौत हो गई। इसके बाद आंदोलन भड़क गया। किसानों ने कई अधिकारियों को बंधक बनाया था। इसके चलते दो महीने तक कंडेला गांव में जींद-चंडीगढ़ मार्ग बंद रहा। इसके बाद से ही कंडेला गांव को आंदोलन के प्रतीक के रूप में देखा जाने लगा।

आंदोलन के बाद कंडेला के रास्ते कभी जींद नहीं गए चौटाला

2000 के विधानसभा चुनाव में ओम प्रकाश चौटाला जींद जिला के ही नरवाना विधानसभा से विधायक बनकर मुख्यमंत्री बने। ऐसे में उनका जींद में काफी आना-जाना रहता था। कंडेला गांव जींद-चंडीगढ़ मार्ग पर पड़ता है, लेकिन कंडेला कांड के बाद मुख्यमंत्री रहते हुए भी चौटाला कभी सीधे कंडेला के रास्ते नहीं निकले। इससे जुड़ा यह किस्सा भी मशहूर है कि एक सांड ने आंदोलनकारियों को पुलिस से बचाया था। जब घुड़सवार पुलिस ने उन पर गोलियां चलाईं तो सांड ने पुलिस को खदेड़ दिया था।

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