- नही रहे अंतरिक्ष परी कल्पना चावला के पिता, 94 साल की उम्र में हुआ बनारसी दास चावला का निधन, पिछले काफी समय से चल रहे थे बीमार, 2014 में कर दिया था अपना शव मेडिकल कॉलेज को दान, कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज करनाल में परिजनों ने शव किया दान।
Aaj Samaj (आज समाज), Kalpana Chawla’s father Passed Away,करनाल, इशिका ठाकुर: करनाल की शान करनाल की पहचान कल्पना चावला जिन्होंने पूरी दुनिया मे करनाल का नाम रोशन किया, जिन्हें अंतरिक्ष परी कल्पना चावला के नाम से जाना जाता है उनके पिता बनारसी दास चावला जी का मंगलवार निधन हो गया । 94 वर्षीय बनारसी दास चावला जी का निधन देर रात हुआ पिछले काफी समय से वह बीमार चल रहे है जिस कारण उनका बीती देर रात निधन हो गया । परिजनों के अनुसार वह पिछले काफी समय से दिल की बीमारी की वजह से बीमार थे और करोना के बाद करनाल में रह रहे थे और ज्यादा बाहर भी नही जाते थे,मंगलवार को करनाल के लोगो की तरफ से उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी करनाल वासियो को जैसे ही पता चला करनाल के निर्मल कुटिया गुरुद्वारा साहिब में उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी गई और उसके बाद परिवार के लोगो ने उनकी इच्छा के अनुसार उनका पार्थिव शव करनाल कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज को बच्चो के परीक्षण के लिए सोप दिया ।
बनारसी दास जी के 3 लडकिया और एक लड़का है जिसमे कल्पना चावला जी भी उनकी एक बेटी थी जिनका अंतरिक्ष यात्रा की वापसी के दौरान विमान में तकनीकी खराबी के चलते विमान के ब्लास्ट के दौरान हो गया था, बचपन से कुछ अलग सपने देखने वाली कल्पना चावला को उनके माँ- बाप का हमेशा सहयोग मिला है और उनके माता- पिता ने उनके सपनों को साकार करने में उनकी मदद की और अपने बच्ची को ऐसा बनाया आज लाखों- हजारों बच्चे उन्हें अपना आदर्श मानते है, परिजनों के अनुसार कल्पना चावला के पिता दिल की बीमारी से जूझ रहे थे और उन्होंने हमेशा समाज को जागरूक करने के लिए कई कदम उठाए बच्चो को ज्ञान देना और सामाजिक संस्थाओ के साथ मिलकर समाज के बारे में अच्छी सोच, 2014 में उन्होंने अपने शव को पीजीआई या फिर आस पास कोई मेडिकल कॉलेज हो उसे सोपने का परिवार को कहा था और आज हमने उनकी इच्छा के अनुसार उनके शव को कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज करनाल को सौप दिया है।
कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के डायरेक्टर जगदीश दुरेजा का कहना है कि कल्पना चावला के पिता का निधन 94 साल की उम्र में हुआ है और उनके शव से मेडिकल कॉलेज के छात्रों को काफी मदद मिलेगी और उन्हें काफी कुछ सीखने को मिलेगा, शरीर के कई बॉडी पार्ट होते है जो काम आ सकते है जो दूसरों की जान तो बचा ही सकते है साथ ही मेडिकल कॉलेज के छात्रों को मदद करेंगे और ये बच्चे इन्हें याद रखेंगे ।
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