Kalpana Chawla Death Anniversary पर बेटियों को समर्पित कार्यक्रम का हुआ आयोजन
इशिका ठाकुर, करनाल :
Kalpana Chawla Death Anniversary : उन्नीस साल पहले आज ही के दिन करनाल की होनहार बेटी कल्पना चावला को हमने हमेशा के लिए खो दिया। वर्ष 2003 के फरवरी महीने की पहली तारीख थी, जब कोलंबिया स्पेस शटल अंतरिक्ष में अपनी सफलता की इबारत लिखकर धरती पर लौट रहा था लेकिन धरती पर उतरने से चंद मिनट पहले ही आग के गोले में तब्दील हो गया। उसके साथ ही कर्णनगरी ने भी अपनी लाडली को खो दिया। कल्पना आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन करनाल ही नहीं पूरे देश के विद्यार्थियों के लिए वह एक प्रेरणा है। उसने अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला का गौरव हासिल किया।
टॉप 10 बेटियों को मिला कल्पना चावला अवार्ड
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आज उनकी 19वी पुण्यतिथि पर उनके स्कूल टैगोर बाल निकेतन में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें स्कूल के स्टाफ और विद्यार्थियों ने अंतरिक्ष परी को श्रद्धांजलि अर्पित की। (Kalpana Chawla Death Anniversary) यह कार्यक्रम पूरी तरह बेटियों को समर्पित रहा।इस दौरान 10 बेटियों को कल्पना चावला अवार्ड से सम्मानित किया गया और उन्हें 25-25 हजार के चेक दिए गए। इस अवसर पर स्कूल की छात्राओं ने कहा कि (Kalpana Chawla Death Anniversary) बेटियों को भी आगे बढ़ने के अवसर देने चाहिए वह भी कल्पना चावला की तरह हर क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर सकती हैं।
कल्पना अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थी
छात्राओं ने कहा कि आज उनकी याद में स्कूल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें टॉप टेन छात्राओं को 25- 25 हजार के इनाम से सम्मानित किया गया है। उन्होंने सभी लड़कियों को कल्पना की तरह ऊंची उड़ान भरने की बात भी कही। गौरतलब है कि करनाल निवासी बनारसी लाल चावला व संज्योति के घर 17 मार्च 1962 को जन्मी कल्पना अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थी। उसे परिजन मोंटू कहकर बुलाते थे। जब उसका नाम स्कूल में लिखवाने की बारी आई तो प्रिंसिपल ने जो नाम सुझाए मोंटू ने खुद अपना नाम कल्पना पसंद किया और वही नाम स्कूल में लिखवा दिया। उसके पिता उसे डॉक्टर या शिक्षिका बनाना चाहते थे लेकिन कल्पना की दिलचस्पी शुरू से ही अंतरिक्ष व खगोलीय घटनाओं में थी।
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