Kalka News: संत निरंकारी सत्संग भवन में ऐश्वर्या पंडित ने माथा टेका

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संत निरंकारी सत्संग भवन में ऐश्वर्या पंडित ने माथा टेका
संत निरंकारी सत्संग भवन में ऐश्वर्या पंडित ने माथा टेका

Aishwarya Pandit ,(आज समाज),कालका: संत निरंकारी सत्संग भवन में रविवार को भाजपा उम्मीदवार शक्ति रानी शर्मा की पुत्रवधू ऐश्वर्या पंडित ने माथा टेका। इस अवसर पर उन्होंने सत्संग का आशीर्वाद लिया और सभी संतों से वोट की अपील की।

ऐश्वर्या पंडित ने कहा कि संत निरंकारी का देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी प्रभाव है। ये सामाजिक संगठन लोक भलाई के अनगिनत कार्य कर रहा है साथ ही लोगों को सच्चाई का रास्ता भी दिखा रहा है।

संत निरंकारी मिशन एक आध्यात्मिक संस्था है जिसका उद्देश्य सभी मनुष्यों को एकता के सूत्र में बांधना और सर्वव्यापी परमात्मा के दर्शन कराना है। इस मिशन की स्थापना 1929 में बाबा अवतार सिंह जी द्वारा की गई थी।

मिशन के मूल सिद्धांत

एक परमात्मा: मिशन का मानना है कि केवल एक ही परमात्मा है और वह सभी जीवों का स्वामी है।

सर्व समभाव: सभी धर्मों, जातियों और लिंगों के लोगों को समान रूप से देखना।

सेवा: समाज सेवा और मानवता की भलाई करना।

संत सतगुरु: सतगुरु को परमात्मा का प्रतीक मानते हुए उनके उपदेशों पर चलना।

मिशन के प्रमुख कार्य

सत्संग: नियमित रूप से सत्संग आयोजित किए जाते हैं जहां भक्तों को सतगुरु के उपदेश सुनाए जाते हैं।

समाज सेवा: मिशन विभिन्न प्रकार के सामाजिक कार्यों में संलग्न है जैसे कि रक्तदान, वृक्षारोपण, अनाथालयों में सहायता आदि।

शैक्षणिक संस्थान: मिशन ने कई शैक्षणिक संस्थान स्थापित किए हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य: मिशन का प्रभाव भारत के साथ-साथ कई अन्य देशों में भी है।
विशेषताएं:

सभी धर्मों का सम्मान: मिशन किसी विशेष धर्म से जुड़ा नहीं है बल्कि सभी धर्मों का सम्मान करता है।

शांति और भाईचारा: मिशन का मुख्य उद्देश्य शांति और भाईचारा फैलाना है।

सामाजिक सुधार: मिशन समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिए लगातार प्रयास करता है।

संत निरंकारी मिशन एक ऐसा मंच है जहां सभी लोग बिना किसी भेदभाव के आकर एकता का अनुभव कर सकते हैं। मिशन के सिद्धांत और कार्य सभी के लिए प्रेरणादायक हैं।

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