Kalka Assembly Constituency: मोरनी के अधिकतर लोगों का कांग्रेस से मोह भंग, भाजपा प्रत्याशी शक्ति रानी शर्मा के पक्ष में मतदान करने का बना चुके हैं मन

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Kalka Assembly Constituency: मोरनी के अधिकतर लोगों का कांग्रेस से मोह भंग, भाजपा प्रत्याशी शक्ति रानी शर्मा के पक्ष में मतदान करने का बना चुके हैं मन
Kalka Assembly Constituency: मोरनी के अधिकतर लोगों का कांग्रेस से मोह भंग, भाजपा प्रत्याशी शक्ति रानी शर्मा के पक्ष में मतदान करने का बना चुके हैं मन
  • बीजेपी प्रत्याशी को सबसे ज्यादा वोटों से जिताने का किया वादा
  • कांग्रेंस नेता नहीं सुधार पाए स्वास्थ्य सेवाएं, न दिलवा पाए रोजगार
  • लोग सालों पुरानी समस्याओं से जूझ रहे है, नहीं निकला कोई हल

BJP Candidate Shakti Rani Sharma, (आज समाज), कालका: कालका विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले मोरनी इलाके के लोग अभी से यह तय कर चुके हैं कि इस बार वे किसको अपना वोट देंगे। इसकी वजह यह है कि बीते सालों में उनकी समस्याएं जस की तस बनी हुई है। इलाके के अधिकतर लोगों का इस वजह से कांग्रेंस से मोह भंग हो चुका है और बीजेपी की ओर उनका झुकाव हो गया है। इलाके के लोग कांग्रेस इस बार पूरी तरह खफा दिखाई दे रहे हैं।

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Kalka Assembly Constituency मोरनी के अधिकतर लोगों का कांग्रेस से मोह भंग, भाजपा प्रत्याशी शक्ति रानी शर्मा के पक्ष में मतदान करने का बना चुके हैं मन
Kalka Assembly Constituency : मोरनी के अधिकतर लोगों का कांग्रेस से मोह भंग, भाजपा प्रत्याशी शक्ति रानी शर्मा के पक्ष में मतदान करने का बना चुके हैं मन

शक्ति रानी शर्मा की स्थिति काफी मजबूत

मोरनी क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी शक्ति रानी शर्मा की स्थिति कांग्रेस के उम्मीदवार की तुलना में काफी ज्यादा मजबूत दिखाई दे रही है। यहां के मतदाताओं ने सालों से चली आ रही समस्याओं से भाजपा प्रत्याशी को अवगत करवा दिया है और शक्ति रानी शर्मा ने भी मतदाताओं से वादा किया है कि चुनाव जीतने के बाद वह मोरनी क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का प्रथमिकता के आधार पर हल करवांएगी।

मोरनी में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल : स्थानीय लोग

मोरनी के लोगों का कहना है कि यहां पर स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं और लोगों को रोजगार के नाम पर दिहाड़ी लगानी पड़ती है या फिर काम की तलाश में उन्हें पंचकूला या चंडीगढ़ जाना पड़ता है। यहां के लोगों को पीने की पानी की भी काफी समस्या है। बीते पांच सालों में इस इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकाला गया है।

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मोरनी से सबसे अधिक लीड से जिताने का वादा

मोरनी क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के बढ़ते कद और लोगों के समर्थन को देखते हुए विरोधी हैरान-परेशान हैं। उनकी मतदाताओं को रिझाने की हर रणनीति विफल हो रही है। इलाके के जयादातर लोग अब खुल कर बोल रहे हैं कि वे भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कर उन्हें विजयी बनाएंगे, ताकि उनके इलाके की समस्याओं को हल कराया जा सके। लोगों का कहना है कि मोरनी क्षेत्र में दूसरे इलाकों की अपेक्षा शक्ति रानी शर्मा को सबसे अधिक लीड से जिताया जाएगा।

आबादी बढ़ने के बावजूद इलाके में केवल एक पीएचसी : चमखा

मोरनी निवासी नरेंद्र चमखा का कहना है कि मोरनी इलाके में लोगों की संख्या अब बढ़ गई है और इसके बावजूद यहां केवल एक पीएचसी है। लोगों की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए अब यहां पर सीएचसी बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा, छोटी बीमारी के लिए भी यहां के लोगों को पीएचसी से पंचकूला के सेक्टर-6 स्थित सरकारी अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। नरेंद्र चमखा ने कहा, मोरनी में होटल व फार्म हाउस काफी संख्या में है और ऐसे में मौजूदा समय में यहां स्वास्थ्य सेवाओं का और बुरा हाल हो गया है। बीते पांच सालों में मौजूदा नेता की ओर से इस बारे में कुछ नहीं किया गया।

गर्मी में करना पड़ता है पीने का पानी आने का इंतजार : ज्वाला

मोरनी के ज्वाला सिंह का कहना है कि गर्मी के दिनों में कई इलाकों में पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ता है। लोगों को पानी आने का इंतजार करना पड़ता है। महिलाएं गर्मी के दिनों में 2-3 दिन के लिए पानी स्टोर कर अपने घरों में रखती है। उन्होंने कहा, इस समस्या के बारे में मौजूदा विधायक को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन समस्या जस की तस बननी हुई है। ज्वाला सिंह ने कहा, इसके अलावा ठेकेदार द्वारा सड़कों को ठीक से नहीं बनाया गया है, जिसकी वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

बेरोजगारी भी एक बड़ा मुद्दा : रोशन

मोरनी में बेरोजगारी भी एक बड़ा मुद्दा है। स्थानीय निवासी रोशन सिंह का कहना है कि इलाके के पढ़े लिखे युवा तो सरकारी या दूसरी नौकरी कर लेते हैं, लेकिन इस पहाड़ी इलाके में रोजगार के कम अवसर है। रोजगार बढ़ाने के लिए कांग्रेंस ने कुछ नहीं किया है।

रोजगार के नाम पर दिहाड़ी के लिए लोग मनरेगा या फारेस्ट विभाग में काम करते हैं, लेकिन अच्छे रोजगार के लिए युवाओं को शहर का रुख करना पड़ता है। रोशन सिंह ने कहा कि हार्टीकल्चर विभाग पहले टमाटर और अदरक की खेती के लिए बीज देता था, अब वह भी मिलना बंद हो गए है, जिससे किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है।

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