जननायक जनता पार्टी समर्थित थे चेयरमैन दीपक मलिक
भाजपा पार्षद लेकर आए थे अविश्वास प्रस्ताव
17 पार्षदों ने की चेयरमैन चेयरमैन के खिलाफ वोटिंग
Kaithal News (आज समाज) कैथल: हरियाणा में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलते ही जजपा समर्थित कैथल जिला परिषद के चेयरमैन को उनके पद से हटा दिया गया। 15 पार्षदों की ओर से करीब 3 माह पहले लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर हुई वोटिंग का रिजल्ट आज जारी किया गया। उस समय 21 पार्षदों ने वोटिंग में हिस्सा लिया था। इनमें से 17 पार्षदों ने चेयरमैन के खिलाफ वोट किया। चेयरमैन दीपक मलिक जननायक जनता पार्टी समर्थित थे। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और जजपा का गठबंधन टूटने के साथ ही चेयरमैन की कुर्सी पर संकट के बादल छा गए थे। भाजपा पार्षदों ने लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद कैथल जिला परिषद के चेयरमैन को हटाने की तैयारी कर ली थी। सभी पार्षदों एकजुट होकर चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए।
इसके चलते 12 जुलाई को भाजपा समर्थित 15 पार्षदों ने डीसी प्रशांत पंवार को अविश्वास का शपथ पत्र दिया। सभी को वोटिंग के लिए नोटिस भेजा तो चेयरमैन वोटिंग के खिलाफ कोर्ट पहुंच गए थे। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए वोटिंग के रिजल्ट घोषित करने पर रोक लगा दी। हालांकि, कोर्ट ने वोटिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने विधानसभा चुनाव के बीच में रिजल्ट घोषित करने का निर्णय सुनाया था, लेकिन आचार संहिता लगने के कारण प्रशासन ने इसे रोक लिया। आज जिला सभागार में उस अविश्वास प्रस्ताव का रिजल्ट घोषित हो गया।
19 जुलाई को हुई थी वोटिंग
गत 19 जुलाई को डीसी प्रशांत पंवार ने 20 पार्षदों को नोटिस जारी कर अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग के लिए बुलाया। भ्रष्टाचार के मामले में सस्पेंड चल रहे पार्षद विक्रमजीत कश्यप को नोटिस नहीं भेजा गया था 17 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वोटिंग की थी। इनमें चेयरमैन दीपक मलिक के अलावा वार्ड 12 की पार्षद नेहा तंवर और वार्ड 18 से राकेश खानपुर नहीं पहुंचे।
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