Kaithal News (आज समाज) कैथल: हरियाणा के कैथल में विदेश भेजने के नाम पर ठगी और हत्या का मामला सामने आया है। इस पूरे मामले में सरपंच सहित तीन लोगों पर केस दर्ज हुआ है। बंदराणा निवासी शिकायतकर्ता वेदप्रकाश ने बताया है की बेटे को जर्मनी भेजने के नाम पर उनसे 7.5 लाख रुपए लिए गए थे। बाद में पुलिस ने खबर दी की उनके बेटे की बेलारूम में मौत हो गई है। जीरो एफआईआर के माध्यम से पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी गई। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। एजेंटों ने डंटी रूट से जर्मनी भेजने का प्रयास तो किया था लेकिन विशाल बॉर्डर पार नहीं कर पाया। बेलारूस में उसकी मौत कैसे हुई इस बात का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। कैथल के बंदराणा निवासी वेदप्रकाश ने बताया कि वह अपने बेटे विशाल को विदेश भेजना चाहते थे। जिसके लिए उन्होंने औंगद के सरपंच सियाराम, सतपाल, और अंकित राणा से संपर्क किया। इन तीनों ने मिलकर विशाल को जर्मनी भेजने का वादा किया और इसके लिए उनसे साढ़े 7 लाख रुपए मांगे। बेटे को विदेश भेजने के लिए वेदप्रकाश ने अपना घर भी गिरवी रख पैसों का इंतजाम किया। डील के तहत उसने एजेंट को पूरी पैमेंट समय से कर दी।
जर्मनी के लिए निकला, रूस में अटका
विशाल 5 दिसंबर 2023 को घर से निकला और 16 दिसंबर को फ्लाइट से अर्मेनिया पहुंच गया। बीती 16 फरवरी को वह रूस की राजधानी मोस्को भी पहुंच गया था। लेकिन वो फिर रूस में ही अटका रहा। परिवार के लोग उसे रहने-खाने का खर्चा भेजते रहे। परिवार को उम्मीद थी की एक दिन उनका बेटा जर्मनी जरूर पहुंचेगा। 17 जुलाई को एजेंट ने विशाल को डंकी रूट से जर्मनी भेजने का प्रयास किया। बॉर्डर पर सख्ती की वजह से वो बॉर्डर पर नहीं कर पाया। इस दौरान उसके पैर में चोट भी लग गई। बॉर्डर पर हुई घटना से डरे हुए विशाल ने फिर 6 अगस्त को अपने परिवार को फोन किया और बताया कि उसके पैर में चोट लगी है और अब वह यहां से आगे नहीं जाना चाहता। विशाल ने एजेंट से बात की और उसे कहा कि मुझे भारत वापस आना है। परिवार ने भी जब एजेंट पर बेटे को वापस भारत लाने का दबाव बनाया तो ऐजेंट मान गया। ऐजेंट ने परिवार को आश्वासन दिया की वो टिकट करवाकर उनके बेटे को भारत सुरक्षित वापस लाएगा। 6 अगस्त के बाद से विशाल का अपने परिवार से कोई संपर्क नहीं हुआ। बेटे के अचानक गायब होने से परिवार काफी चिंतित था। मृतक के पिता वेदप्रकाश का कहना है कि बेटे के लापता होने के बाद उन्होंने कई बार एजेंट, सरपंच और दूसरे लोगों से बात की लेकिन उन्होंने बेटे के संबंध में कोई भी जानकारी नहीं दी। एजेंट से उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला की उनका बेटा जल्द ही भारत लौट आएगा।
बेलारूस दूतावास ने दी मौत की जानकारी
22 अगस्त को बेलारूस दूतावास ने कैथल लघु सचिवालय को एक मेल भेजा। जिसमें बताया गया कि विशाल की बेलारूस में मौत हो गई है। मौत कैसे हुई है इसकी जानकारी नहीं दी गई। बेलारूस दूतावास ने मेल में पासपोर्ट नंबर की जानकारी देते हुए कहा कि इसकी पुष्टि करें वरना बेलारूस सरकार मृतक का अंतिम संस्कार कर देगी।
परिवार कर रहा शव को भारत लाने की मांग
परिजनों ने मांग रखी है कि विशाल की मौत की जांच की जाए। परिवार का कहना है कि 7 अगस्त को उनके बेटे की मौत हो गई थी लेकिन एजेंट ने उनसे 22 तारीख उन्हें धोखे में रखा। अगर दूतावास से सूचना नहीं आती तो परिवार को कभी भी बेटे की कोई सूचना मिलती ही नहीं। परिवार को शक है कि एजेंट के कारण ही उनके बेटे की मौत हुई है। परिवार ने एजेंट अंकित के साथ साथ दो अन्य लोगों पर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही उन्होंने भारत सरकार से मांग की है कि उनके बेटे के शव को भारत लाया जाए।