मनोज वर्मा, कैथल:
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि, कृष्ण में आनंद नहीं बल्कि, कृष्ण ही साक्षात आनंद है। आनंद का दूसरा रूप ही कृष्ण है। स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने ये शब्द कृष्ण कृपा मंदिर कैथल में आयोजित दिव्य गीता सत्संग में कहे। उन्होंने श्रीकृष्ण के जन्म की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, श्री कृष्ण जन्माष्टमी का मनाना तभी सार्थक है, जब गोसेवा का संकल्प लिया जाए। सबको गो सेवा का संकल्प लेना चाहिए, गाय माता में सभी देवता वास करते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं गाय चराई हैं। गीता मनीषी ने कहा कि गीता जी का अध्ययन व श्रवण भाव के साथ करना चाहिए। भगवान भाव के भूखे हैं। जब भाव के साथ गीता जी का अध्ययन व श्रवण किया जाता है, तो वह अधिक लाभकारी होता है। गीता भगवान की सरल व दार्शनिक वाणी है। इसलिए मानव को गीता जी का अनुसरण करना चाहिए। गीता को जीवन का आधार बताते हुए स्वामीजी ने कहा कि, गीता में संसार की हर समस्या का समाधान है। गीता किसी एक धर्म जाति या संप्रदाय के लिए नहीं बल्कि समस्त मानव जाति के लिए है। मंदिर में भव्य रोशनी की गई है। आज जन्म अष्टमी के अवसर पर कृपा बिहारी जी के मंदिर में लड्डू भगवान जी का पालना डाला गया है। श्री कृष्ण का जीवन दो छोरों में बंधा है। एक और बांसुरी है, जिसमें सृजन का संगीत है, आनंद है, अमृत है और रास है, तो दूसरी ओर शंख है, जिसमें युद्ध की वेदना है, गरल है तथा निरसता है। ये विरोधाभास ये समझाते हैं कि सुख है तो दुख भी है। जहां श्री कृष्ण है वहाँ ज्ञान-आनंद का प्रकाश होगा।
जहां ज्ञान है वहां अज्ञान नहीं ओर जहां अज्ञान है, वहां ज्ञान नहीं। उन्होंने कहा कि परमात्मा की कृपा को अनुभव करें। यही भाव बुद्धियोग प्रदान करवाएगा ओर परमात्मा की कृपा को भीतर अनुभव करवाते हुए अज्ञान से ज्ञान अथवा अंधकार से प्रकाश की सशक्त प्रेरणा बनेगा। आज श्रद्धालु महाराज श्री जी को अपने बीच में पाकर जहां खुशी से झूम रहे थे, वहीं भावुक भी हो रहे थे। सभी भक्तजन महाराज श्री का आर्शीवाद लेने को आतुर थे। समिति के प्रधान सुजीत कपूर व महासचिव सोनू वर्मा ने बताया कि, श्री कृष्ण कृपा मंदिर लाल प्यो में श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव बड़ी सादगी व करोना नियमों का पालन करते हुए गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के सानिध्य में मनाया जा रहा है। कोरोना महामारी के कारण भक्तों से सरकारी नियमों का पालन करने की अपील की गई है। इस अवसर पर इन्द्रजीत सरदाना, डॉ.आर.डी. चावला, राजकुमार मुखीजा, सुजीत कपूर, सोनू वर्मा, परवीन वर्मा, सुषम कपूर, प्रवीण चावला, विश्वनाथ शर्मा, गुलशन चुघ, अश्वनी खुराना,सन्नी चुघ, शिव गर्ग, अनिल गोयल, सुभाष गोयल, शरद बंसल, हरीश अदलखा, वर्षा, अशोक गर्ग, संजय गर्ग,राजेन्द्र खुराना, विद्याभूषण तनेजा,प्रभा पाठक,प्रेम पाठक,अधिवक्ता दिनेश पाठक,राजेश डोलिया,कृष्ण नन्दा,अजय भंजाना,संजय मदान, अमित सन्नी चुघ,वेद प्रकाश खत्री,कृष्ण गर्ग,राम लाल कालड़ा,जगदीश कालड़ा,पारस गाबा,सोनू खनिजो,गुलशन चुघ,सीता राम गुलाटी, गगन सेठी ,कुश शर्मा, पवन शर्मा आदि मौजूद थे।