मनोज वर्मा, कैथल:
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ का प्रतिनिधिमंडल जिला प्रधान विजेंद्र मोर की अध्यक्षता में उपायुक्त कैथल से मिला। जिला प्रधान विजेंद्र मोर ने कहा कि कैथल प्रशासन के द्वारा अध्यापकों के खिलाफ तुगलकी फरमानों का सिलसिला जारी है। हरियाणा सरकार द्वारा 18 व 19 अगस्त को अन्नपूर्णा उत्सव मनाया जा रहा है। इस उत्सव के आयोजन में डिपो पर जा कर राशन बांटने के लिए डिपो होल्डर के साथ अध्यापकों की ड्यूटी लगाई गई है। जो कि अध्यापकों और बच्चों की शिक्षा के साथ खिलवाड़ है। इसके अतिरिक्त आय सत्यापन के लिए भी बहुत से अध्यापकों की ड्यूटी लगाई गई है। उक्त अध्यापकों की आईडी पर अब 100 से 200 तक परिवारों की आय को सत्यापित किए जाने के आदेश हुए हैं। जो कि गलत है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चलते लंबे अंतराल के बाद विद्यालय खुले हैं। राज्य सचिव सतबीर गोयत ने कहा कि अध्यापकों से उक्त ड्यूटियां नहीं ली जा सकती। क्योंकि ये सब गैर शैक्षणिक कार्य हैं। उक्त गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए सक्षम युवाओं की ड्यूटी लगाई जाए। जिससे उन्हें रोजगार मिलेगा और आर्थिक मदद भी मिलेगी। अध्यापकों का कार्य केवल पढ़ाना है। प्राथमिक स्तर के विद्यालयों को भी खोल देना चाहिए। ताकि बच्चों को उचित शिक्षा दी जा सके। पूर्व जिला सचिव रामपाल शर्मा ने कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिया जा सकता। इसके अलावा विभाग द्वारा भी समय समय पर पत्र जारी हो चुके हैं कि अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य ना लिया जाए। लेकिन जिला प्रशासन जानबूझकर बच्चों की शिक्षा को प्रभावित करने के लिए अध्यापकों की ड्यूटी ऐसे कार्यों में लगाता आ रहा है। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ इसका पूरा जोर विरोध करता है। जिला प्रधान ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों द्वारा कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चों को भी विद्यालय में बुलाया जा रहा है। जोकि सरकार के आदेशों का सरासर उल्लंघन है। ऐसे स्कूलों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए या फिर सरकारी प्राथमिक विद्यालय भी खुलने चाहियें। इस अवसर पर ब्लॉक राजौंद प्रधान दलसिंह, ब्लॉक कैथल प्रधान कृष्ण आर्य, बलिंदर गोयत व अन्य अध्यापक उपस्थित रहे।
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