कैथल: इंटरनेट रेडियो स्थापना का एक साल पूरा

0
314
Spiritual Guru Sri Sri Ravi Shankar
Spiritual Guru Sri Sri Ravi Shankar

मनोज वर्मा: अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर की ओर से संचालित संस्था आर्ट आफ लिविंग की कैथल इकाई के तत्वावधावन में साधकों को आध्यात्मिक पथ पर आरूढ़ रखने हेतू योग, ध्यान तथा गुरु-ज्ञान जैसे दिव्य गुणों से सुसज्जित राष्ट्रव्यापी आनलाइन सुदर्शन क्रिया फॉलोअप कार्यक्रम का शुभारंभ प्रतिभागी साधकों द्वारा सम्पूर्ण विश्व-कल्याण हेतू मंगलकामना 3 बार ॐ के मंगल गायन के साथ हुआ। फॉलोअप संयोजक ने बताया कि साधकों ने परमपूज्य गुरुदेव श्री श्री रविशंकर की पवित्र वाणी में अद्भुत सुदर्शन क्रिया के पश्चात् ध्यान करते हुए परमानन्द एवं दिव्य-ऊर्जा की सुखद अनुभूति अर्जित की। आर्ट आफ लिविंग द्वारा 3 जुलाई को भारत के विशिष्ट आध्यात्मिक इंटरनेट रेडियो चैनल का 1 वर्ष पूर्ण होने पर सभी साधकों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने बताया कि आर्ट आफ लिविंग रेडियो ने सफलतापूर्वक संचालन के पहले ही वर्ष में न सिर्फ भारत में अपितु अमेरिका, नेपाल, मॉरीशस, दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी और नीदरलैंड सहित 12 देशों में योग, ध्यान, सुखदायक भक्ति संगीत, सौंदर्य, स्वास्थ्य और संबंध-सलाह पर आधारित व्यवहारिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए साधक श्रोताओं की आत्माओं का उत्थान किया है।

इसके अतिरिक्त कोविड महामारी के अपने चरम पर होने के दौरान आक्सीजन सिलेंडर, अस्पताल के बिस्तर, प्लाज्मा दाताओं, दवाओं, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए महत्वपूर्ण संसाधनों के मिलान के लिए सक्रिय मंच के रूप में उभरकर जरूरतमंदों को अपनी सेवाएँ प्रदान करना इस विशिष्ट इंटरनेट रेडियो अभूतपूर्व सफलता रही है। पहले ही वर्ष की उत्साहित करने वाली सफलता के बाद आर्ट आफ लिविंग रेडियो को और अधिक माध्यमों से व्यापक रूप से लोगों के सेवार्थ उपलब्ध कराकर अपनी पहुँच का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने ने सभी साधकों को आर्ट आफ लिविंग इंटरनेट रेडियो से जुडने का पुरजोर आव्हान भी किया। तत्पश्चात् सभी साधकों द्वारा श्रीगुरु चरण पादुका स्त्रोतम् के पवित्र पाठ का श्रवण करते हुए दिव्य ऊर्जा एवं परमानन्द की सुखद अनुभूति करना आज के कार्यक्रम का दिव्य आकर्षण रहा। कार्यक्रम के अंतिम चरण में परमपूज्य गुरुदेव संग प्रतिभागी साधको द्वारा पावन श्लोक असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय। मृत्योमार्मृतं गमय के मधुर गायन के माध्यम से प्रार्थना की गई । यह जानकारी संस्था के प्रवक्ता कमल कांत गांधी ने दी।