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मनोज वर्मा, कैथल : हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के अध्यक्ष एवं महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि तीज त्यौहार हमारी संस्कृति की विरासत है, जिन्हें सहेजकर रखना हम सबकी सांझी जिम्मेदारी है। तीज त्यौहार महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देते हैं। त्यौहार हमारी संस्कृति का मजबूत आधार है। सामाजिक और नैतिक मूल्यों को प्रदर्शित और परिभाषित करते ऐसे त्यौहारों से हमें समाज सेवा और राष्ट्र भक्ति के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण की सीख लेकर सेवा और समर्पण के कार्य को आगे बढ़ाने की जरूरत है। महामहिम राज्यपाल शुक्रवार को ढांड रोड स्थित अमृत फार्म में हरियाली तीज महोत्सव के उपलक्ष में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
देश के समूचित संर्वधन में महिलाओं का विशेष योगदान
राज्यपाल ने कहा कि देश के समूचित संर्वधन में महिलाओं का विशेष योगदान है। हमें ना तो महिलाओं पर अत्याचार करने चाहिए और ना ही होने देने चाहिए। महिला सशक्तिकरण बदलते परिवेश में अति आवश्यक है। चूंकि शिक्षा, कृषि, अनुसंधान, सामरिक क्षेत्र सहित अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में महिलाएं अनुकरणीय काम कर रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान चलाकर देश को नई दिशा देने का काम किया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल महिला सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। हरियाणा सरकार द्वारा करीब 2 हजार 17 करोड़ रुपये सशक्तिकरण, महिला रोजगार व शिक्षा के क्षेत्र में खर्च किए गए हैं। प्रदेश में हजारों की संख्या में स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं, जिसके माध्यम से महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं।
हमारे जीवन में त्यौहारों का विशेष महत्व
महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हमारे जीवन में त्यौहारों का विशेष महत्व है। वर्षभर में एक नीयत समय पर आने वाले विभिन्न त्यौहार जीवन में नवरस भर देते हैं। रक्षाबन्धन से लेकर दीवाली और होली तक सभी त्यौहार न केवल अलग-अलग ढंग़ से मनाए जाते हैं बल्कि जीवन पर उनका अनुकूल प्रभाव भी पड़ता है। तीज उन्हीं त्यौहारों में से एक ऐसा महत्वपूर्ण त्यौहार है, जिससे महिलाएं ही नही बल्कि पुरूषों के चेहरे भी खिल जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे हरियाणा में एक कहावत है कि… ‘आई तीज, बिखेर गई बीज’ अर्थात अप्रैल माह में शुरू होने वाले हमारे हिन्दु कैलेडर में तीज का त्यौहार वर्ष का सबसे पहला त्यौहार होता है। इसके बाद से त्यौहारों का सीजन शुरू हो जाता है।
राज्यपाल ने बाल कल्याण परिषद को 10 लाख रुपये देने की घोषणा की
जैसे इसके दस दिन बाद रक्षाबंधन, फिर जन्माष्टिमी, करवे, नवरात्र, दशहरा, दीवाली इत्यादि महत्वपूर्ण पर्व हैं। परन्तु हमारे हिन्दु कैलेंडर का अन्तिम त्यौहार होली भी देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। ये सभी त्यौहार हमारी सभ्यता और संस्कृति तथा सामाजिक मूल्यों को सहेजने और संजोए रखने का काम करते हैं। प्राचीन काल से ही हमारे ऋषि-मुनियों ने मानव जीवन को खुशियों से भरने के लिए पर्व मनाने का विधान किया। इन सभी पर्वों में मनुष्य की प्रकृति और पर्यावरण की अनुकूलता को भी ध्यान में रखा गया है। इसलिए सभी त्यौहारों पर खानपान भी भिन्न ही होता है ताकि लोगों का उत्तम स्वास्थ्य बना रहे। इसलिए ये त्यौहार जहां व्यक्ति के तन को मजबूत रखने में सहायक होते हैं वहीं मन को भी उत्साहित रखते हैं। राज्यपाल ने बाल कल्याण परिषद को 10 लाख रुपये देने की घोषणा की।
सांस्कृतिक परंपराओं और लोक संस्कृति की अमूल्य धरोहर है हरियाणा : राज्यमंत्री कमलेश ढांडा
हरियाणा की महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि हरियाणा सांस्कृतिक परंपराओं और लोक संस्कृति की अमूल्य धरोहर है। तीज का त्यौहार खासतौर पर महिलाओं, बहुओं, बेटियों और बहनों का त्यौहार है। सभी प्रकार के भेदभाव को मिटाकर आपसी मिलन, पे्रम और पूरे परिवार, समाज के सांझे त्यौहार के तौर पर तीज अपनी अहम भूमिका निभाता है। प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने और महिलाओं के प्रति सम्मान दर्शाने का संयोग इस त्यौहार पर देखने को मिलता है। तीज का त्यौहार प्रकृति से सीधा तौर पर जुड़ा हुआ है और हमें पर्यावरण की रक्षा करने की प्रेरणा देता है।
आधुनिकता की दौड़ में हमारी संस्कृति पीछे छूट रही है
पुराने समय में गांव-शहर, गली-गली तीज के दिन मेला लगना, पेड़ों पर झूला डालकर तीज के गीत गाते हुए झूला झूलना मानों अब बीते दिनों की बात हो रही है। आधुनिकता की दौड़ में हमारी संस्कृति पीछे छूट रही है, लेकिन आज यह आयोजन हमारी युवा पीढ़ी को सफल तरीके से संस्कृति से जोड़ने में कामयाब हो रहा है। हरियाणा सरकार भी समय-समय पर प्रदेश की संस्कृति से लेकर कला पर कार्यक्रम आयोजित करती रहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल महिला सशक्तिकरण के लिए गंभीरता से काम कर रही है। राज्यमंत्री ने बाल कल्याण परिषद को अपने स्वैच्छिक कोटे से 5 लाख रुपये देने की घोषणा भी की।
भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रेरक और सार्थक त्यौहार है तीज: विधायक लीला राम
विधायक लीला राम ने हरियाली तीज महोत्सव के अवसर पर महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय सहित सभी मेहमानों और उपस्थित श्रोतावृंद का स्वागत करते हुए कहा कि तीज का त्यौहार जहां एक और हर्षोल्लास का त्यौहार है, वहीं दूसरी और यह त्यौहार भाई-बहन के पवित्र और प्रेरक रिश्ते का त्यौहार भी है। काफी समय पहले गांवों में ऐसी परम्परा थी कि सारा गांव तीज के त्यौहार को इक्_ा मनाता था, लेकिन बदलते समय के दृष्टिगत इसमें बदलाव आया है, लेकिन हमें हमारी संस्कृति में समाहित सामाजिक और नैतिक मूल्यों को सहेजते हुए इन त्यौहारों को गरिमा पूर्ण मनाने की जरूरत है। विधायक ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल का इस बात को लेकर आभार व्यक्त किया कि समूचे हरियाणा प्रदेश में महापुरूषों की जयंतियों को त्यौहारों की तरह मनाया जा रहा है और यह सब हम सबके लिए फक्र की बात है।
तीज के अवसर पर महिलाएं करती है अपने सुहाग की लंबी आयु की दुआ : रंजीता मेहता
हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की मानद महासचिव रंजीता मेहता ने कहा कि तीज के अवसर पर महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु की दुआ करती हैं। सावन माह में तीज पहला त्यौहार होता है। बाल कल्याण परिषद द्वारा महिलाओं व बच्चों के लिए अनेक क्रिया कलाप चलाए जा रहे हैं। कम्प्यूटर सैंटर, अभिरूचि कक्षाएं, नशा मुक्ति शिविर, दत्तक गृह आदि कार्य किए जाते हैं। जल्द ही प्रदेश में ऑनलाईन व्यवस्था से बच्चों के लिए इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स के साथ-साथ आईलेट्स की शिक्षा दी जाएगी।
इस मौके पर यह रहे मौजूद
राज्य स्तरीय हरियाली तीज महोत्सव कार्यक्रम में हरियाणा की महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा, विधायक लीला राम, हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की मानद महा सचिव रंजीता मेहत्ता, हैफेड के चेयरमैन कैलाश भगत, नगर परिषद चेयरपर्सन सुरभि गर्ग, सुमन नायब सैनी, निर्मला बैरागी, सुरेश गर्ग नौच, ज्यौति सैनी, अभि मेहत्ता, अनिता चौधरी, काका सचदेवा, विरेंद्र बत्तरा, रोहन मित्तल, नीतू चौहान, प्रज्ञा पाशा जैन तथा प्रशासन की ओर से डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल, एसपी मकसूद अहमद, एडीसी विरेंद्र सहारावत, एसडीएम ब्रह्म प्रकाश, नवीन कुमार, सुशील कुमार, सीटीएम गुलजार अहमद, डीआईपीआरओ धर्मवीर सिंह, अमरनाथ नरवाल, डीसीडब्ल्यूओ बलबीर चौहान, सर्वजीत सिंह सिबिया, डीडीपीओ कंवर दमन आदि मौजूद रहे।
पौधा रोपण करके पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया
मुख्यातिथि एवं राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कार्यक्रम परिसर में पौधा रोपण करके पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया तथा कहा कि हमें शुभ मंगल कार्यों पर भी पौधा रोपण अवश्य करना चाहिए। इतना ही नहीं पौधा रोपण करने उपरांत लगाए गए पौधे का पालन पोषण भी जरूरी है। इसी कड़ी में हरियाणा की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा, विधायक लीला राम, हैफेड के चेयरमैन कैलाश भगत, मानद महासचिव रंजीता मेहत्ता, एचएसवीपी की डायरेक्टर ज्यौति सैनी, डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल, एसपी मकसूद अहमद ने भी पौधा रोपण किया।
राज्यपाल ने कार्यक्रम स्थल पर धरोहर स्टॉलों का भी भ्रमण किया
महामहिम राज्यपाल ने कार्यक्रम स्थल पर धरोहर स्टॉलों का भी भ्रमण किया। हमारी प्राचीन संस्कृति के पहचान ओखली, ओखली, मुस्सल, छाज, चरखा, हुक्का, बिटोड़ा, थापी, पुराना सिक्का, मोड़ सहित अन्य ऐसी चीजों को देखा जोकि हरियाणा की पौराणिक संस्कृति को दर्शा रही थी। उन्होंने कहा कि इन चीजों को देखकर हरियाणा के पुराने रहन-सहन के बारे में जानकारी मिली तथा इस स्थान पर पूरे गांव का स्वरूप साक्षात नजर आया। राज्यपाल ने कार्यक्रम स्थल पर जाकर चटनी व आचार का स्वाद भी चखा। राज्यपाल ने कार्यक्रम स्थल पर लगाए झूला भी झूला। राज्यपाल ने प्रदर्शनी का विधिवत रूप से रीबन काटकर उद्घाटन भी किया।
रक्तदान शिविर में रक्तदाओं को आशीर्वाद दिया
महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कार्यक्रम स्थल पर लगाए गए रक्तदान शिविर में रक्तदाओं को आशीर्वाद दिया और बैज लगाए तथा कहा कि रक्तदान बहुत जरूरी है। इससे दूसरे की जान बचाई जा सकती है, साथ ही आत्म संतोष की अनुभूति भी होती है। रक्तदान महादान है, क्योंकि रक्त का कोई विकल्प नहीं होता है। जरूरत पडऩे पर मानवता की सेवा के लिए रक्त का मिलना बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए सभी को बढ़चढ़ कर समय-समय पर रक्तदान करना चाहिए। रक्तदाताओं ने 100 यूनिट से ज्यादा रक्तदान किया।
हरियाणा के विभिन्न वाद्य यंत्रों की गूंज सुनने और देखने को मिली
प्रशासन द्वारा स्वागत के लिए बेहतरीन व्यवस्था की गई थी। जैसे ही राज्यपाल की गाड़ी प्रवेश द्वार पर पहुंची तो विभिन्न स्कूल के बच्चों द्वारा ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया गया। हरियाणा संस्कृति को प्रदर्शित और परिभाषित करती वेशभूषा पहने लोक कलाकारों ने डेरू और बीन बांसली पर पारम्परिक धुनें बजाकर राज्यपाल का स्वागत किया। समूचे परिसर में हरियाणा के विभिन्न वाद्य यंत्रों की गूंज सुनने और देखने को मिली। छात्राओं ने भी पीले और हलके गुलाबी रंग के वस्त्र पहने हुए थे, जोकि तीज त्यौहार की महिमा को मंडित कर रहे थे। पूरे कार्यक्रम स्थल पर तीज का रंग चढ़ा हुआ था और भारी संख्या में महिलाएं गीत गाकर कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दे रही थी। कई महिलाओं ने बातचीत करते हुए कहा कि इस तरह का समारोह जिला में पहली बार देखने को मिला है, जोकि प्रशंसनीय कार्य है।
बच्चों ने हरियाणवी संस्कृति से ओत-प्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए
हॉल के अंदर मुख्य मंच पर जो सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे थे, उनको एलईडी के माध्यम से हॉल के बाहर भी देखा जा सकता था। काफी लोगों ने हॉल के बाहर की गई व्यवस्था में जहां एक ओर राज्यपाल का उद्बोधन सुना और वहीं दूसरी ओर बाहर एलईडी पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखकर खुद भी झूमें। इस मौके पर मानद महा सचिव रंजीता मेहत्ता ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। विभिन्न स्कूल के बच्चों ने हरियाणवी संस्कृति से ओत-प्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। राज्यपाल ने विधायक लीला राम, डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल, एसपी मकसूद अहमद, एडीसी विरेंद्र सहरावत, सीटीएम गुलजार अहमद, चेयरपर्सन सुरभि गर्ग, सुमन नायब सैनी, निर्मला बैरागी, अनिता चौधरी, जैली बंसल, डॉ. दीपिका, बलबीर चौहान सहित निर्णायक मंडल में शामिल सभी जजों के साथ-साथ बच्चों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
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