Kaithal News : सरकार की गलत नीतियों से हरियाणा में  राइस उद्योग बर्बादी के कगार पर : बजरंग गर्ग

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Rice industry in Haryana on the verge of destruction due to wrong policies of the government: Bajrang Garg
बजरंग दास गर्ग पत्रकारों को जानकारी देते हुए।

(Kaithal News) कैथल। अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने राइस मिलर व आढ़तियों से बातचीत करने के उपरांत कहा कि केंद्र सरकार को राइस मिलरों व आढ़तियों की समस्या का तुरंत समाधान करना चाहिए। सरकार की गलत नीतियों से हरियाणा में राइस उद्योग बर्बादी के कगार पर है। हर साल केंद्र सरकार राइस मिलर व आढ़तियों को झूठे आश्वासन देखकर धान प्राइवेट मिलों में लगा देती है मगर राइस मिलों की समस्या का समाधान नहीं करती।

जबकि राइस मिलर कई सालों से नुकसान में चल रहे हैं। इतना ही नहीं 20 दिनों से किसान अपनी धान बेचने के लिए मंडियों में धक्के खा रहा है। मगर सरकारी एजेंसियों द्वारा किसानों के धान ना खरीदने पर धान से मंडियां व सडक़ें भरी पड़ी है। बजरंग गर्ग ने कहा कि राइस मिलरों व आढ़तियों के कारण लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है। सरकार को राइस मिलरों का पिछले चार सीजन का करोड़ों रुपए बकाया का तुरंत भुगतान करना चाहिए और 100 किलो धान में जितना चावल निकलता है उतना ही लेना चाहिए।

केंद्र सरकार ने 100 किलो धान के बदले 67.5 किलो चावल लेने का नियम बनाया हुआ है, वह सरासर गलत है।  100 किलो धान की कुटाई करने पर केवल 60 किलो चावल ही निकलता है। गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार को हर फसल खरीद पर पहले की तरह ढाई प्रतिशत पूरी दामी आढ़ती को देनी चाहिए जबकि सरकार धान व गेहूं पर आढ़त कम दे रही है और नरमा, सरसों, बाजरा व चना आदि पर कोई आढ़त नहीं दे रही है। जिसके कारण प्रदेश के आढ़तियों में केन्द्र सरकार के प्रति बड़ा भारी नाराजगी है।

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