• लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस हवा बनाने में लगी रही और बीच भाजपा ने संगठन बनाकर चुनाव जीत लिया
  • विपक्ष का नेता न होने से कांग्रेस विधायक मजबूती से नहीं रख सकते अपनी बात

Kaithal News | कैथल । हरियाणा विधानसभा के पूर्व स्पीकर व कांग्रेस नेता कुलदीप शर्मा ने कहा है कि मौजूदा समय में कांग्रेस अच्छे दौर से नहीं गुजर रही है। नेता पहले पार्टी की सोचें और फिर अपनी, तभी सत्ता में वापसी हो सकती है। लोकसभा चुनाव में हरियाणा की जनता ने कांग्रेस को बीजेपी से अधिक वोट दिए थे। इन चुनाव के बाद भाजपा विधानसभा चुनाव की तैयारी में लग गई जबकि कांग्रेस केवल हवा बनाने में ही लगी रही।

शर्मा बुधवार को करनाल रोड पर एक निजी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की बात पर उन्होंने खंडन करने की बजाय केवल इतना ही कहा कि ऐसी चचार्एं गर्म होती रहती है।

उनकी बेटी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर लिखी गई किताब के लोकार्पण पर हुए गए थे जहां उनके मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे भाजपा के नेताओं से हुई थी। वे क्या अपने एक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भी नहीं जा सकते। मासूम शर्मा के गानों पर रोक लगाने की बात पर उन्होंने कहा कि जिन गानों में हिंसा या हिंसात्मक बात आए और लगता है कि युवा मिस गाइड हो सकता है। ऐसे गाने समाज के लिए ठीक नहींहै। ?

विधानसभा में युवा विधायकों की परफॉर्मेंस बहुत अच्छी

कुलदीप शर्मा ने कहा कि 6 महीने में किसी भी सरकार का आंकलन नहीं किया जा सकता। कांग्रेस के विधायक मजबूती से अपनी बात रखें। विधानसभा सत्र के दौरान देखा है कि जो युवा विधायक जैसे कि आदित्य सूरजेवाला हैं। उनकी विधानसभा में परफॉर्मेंस बहुत अच्छी है। विधानसभा सत्र के बाद बीजेपी के कुछ मौजूदा विधायकों ने भी यह बात कही है।

कांग्रेस के विधायक सरकार की परफॉर्मेंस सरकार कैसे चल रही है इस पर चर्चा करें। बजट पर उन्होंने कहा है कि सरकार प्रदेश पर लगातार बढ़ रहे कर्ज के बोझ पर ध्यान दें और इस बारे में सरकार को सोचना चाहिए। सरकार बजट की घोषणाओं पर कम करें। प्रदेश के लॉ एंड आॅर्डर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का काम है कि सबको सुरक्षा दें, ताकि सभी सुरक्षित महसूस कर सकें।

विपक्ष का नेता न होने से कांग्रेस को नुकसान

कांग्रेस नेता कुलदीप शर्मा ने कहा कि विपक्ष का नेता न होने से कांग्रेस को नुकसान हो रहा है। विधानसभा में विपक्ष का नेता होता तो विधायक मजबूती से अपनी बात रख सकते थे। 6 महीने हो गए हैं विधानसभा में कांग्रेस के 37 विधायक बैठे हैं। सभी विधायकों ने एक रेजोल्यूशन पास कर हाई कमान के पास भेजा था।

उस पर हाई कमान जैसा भी फैसला चाहे ले सकता है। विपक्ष का नेता होता तो कांग्रेस के एमएलए अच्छा प्रदर्शन कर सकते थे। हुड्डा को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष ने बनाए जाने पर पार्टी टूट सकती है। इस प्रश्न का जवाब देते हुए कुलदीप शर्मा ने कहा कि संगठन पार्टी संस्था से बड़ी है। कांग्रेस छोड़ने वालों की दुर्गति हुई है। कुछ वापस लौटे हैं। राजनीति में उतार-चढ़ाव चलता रहता है।

कांग्रेस का संगठन नहीं, बीजेपी पन्ना प्रमुख तक पहुंची

कुलदीप शर्मा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में जनता ने अपना निर्णय लिया था। 46 प्रतिशत लोगों ने कांग्रेस को वोट दिया और 44 प्रतिशत ने भारतीय जनता पार्टी को। इस चुनाव के बाद भाजपा जनरल इलेक्शन की तैयारी में लग गई जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस हवा बनाने में लग गई। कांग्रेस ने चार चुनाव बिना संगठन के लड़े हैं।

कांग्रेस का संगठन बूथ लेवल पर भी नहीं था, इसके मुकाबले बीजेपी पन्ना प्रमुख तक पहुंच गई। संगठन के दम पर ही भाजपा ने चुनाव जीते हैं। बिना संगठन के आगे नहीं बढ़ा जा सकता। इसलिए कांग्रेस जीते जीते हार जाती है।

लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद अच्छी हवा बनी थी। अगर लीडरशिप सिर जोड़कर गंभीरता से प्रयास करती, केवल लोकसभा की हवा पर डिपेंड ना करके आपसी प्रेम व भाईचारे से काम करते तो परिणाम दूसरे होते। इस मौके पर रणधीर शर्मा सांघण, ईश्वर पाडला, बीरभान करोड़ा, ब्रह्म कल्याण समिति के प्रधान महिपाल कौशिक मौजूद रहे।

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